गेहूं की कीमतों पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार ने बढ़ाई भंडारण सीमा

Feb 21, 2025

- थोक, खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करण करने वालों के लिए नए नियम लागू

नई दिल्ली । कोरोना महामारी के बीच भारत में खाद्यान फसलों की कीमतों का नियंत्रण रखने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं के भंडारण सीमा को संशोधित करने का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करण करने वालों के लिए नए नियम लागू किए हैं। रकार ने निर्धारित तारीख तक लागू रहने वाले गेहूं की भंडारण सीमा को कम करके 250 टन कर दिया है। इसके साथ ही, खुदरा विक्रेताओं के लिए भंडारण सीमा को भी घटाकर चार टन किया गया है। इससे सरकार गेहूं की कीमतों को काबू में रखने और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत दिख रही है। इस निर्णय का उद्देश्य है कि भारत में खाद्यान्न के साथ-साथ गेहूं की आपूर्ति भी सुनिश्चित रहे। केंद्र सरकार ने गेहूं की भंडारण सीमा को मार्च 2025 तक संशोधित करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय खुदरा विक्रेताओं को लेकर बड़ी सामान्य मार्केट में भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।

गेहूं का भंडारण करने वाली सभी इकाइयों को गेहूं भंडार सीमा पोर्टल पर पंजीकरण करना और हर शुक्रवार को भंडार की स्थिति की जानकारी देना जरूरी है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने कहा कि वह देश में कीमतों को नियंत्रित करने और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं के भंडार की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है। बता दें कि खाद्यान फसलों की कीमतों पर नियंत्रण के लिए सरकार हर साल स्टोरज लिमिट की समीक्षा करती है।



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