नई दिल्ली । लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) अपने फ्लाईओवर जोन को बंद कर सकता है। यह जोन विशेष रूप से फ्लाईओवर निर्माण से संबंधित है। विभाग के कर्मचारियों को सड़क रखरखाव विंग के साथ विलय करने की योजना है। वर्तमान में एक अलग फ्लाईओवर जोन है। जिसमें सात कार्यकारी अभियंता और एक दर्जन से अधिक सहायक अभियंता हैं, जबकि इस विंग के पास दो ही बड़ी परियोजनाओं में शामिल नंद नगरी फ्लाईओवर और बारापुला एलिवेटेड रोड फेज- तीन पर काम चल रहा है, जिनमें से दोनों का काम 90 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है। अप्रैल में पीडब्ल्यूडी ने सभी सर्किलों, डिवीजनों और उपविभागों के मौजूदा स्वीकृत पदों के अनुसार मौजूदा कार्यभार का विश्लेषण करने और जनशक्ति उपयोग को अनुकूलित करने के लिए लोक निर्माण विभाग में पदों के पुनर्गठन का सुझाव देने के लिए एक समिति गठित की थी।
पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने कहा कि फ्लाईओवर जोन पिछली सरकार में राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन के लिए बनाया गया था, जब बहुत सारे फ्लाईओवर बनाए जा रहे थे। लेकिन वर्तमान में हमारे पास सिर्फ दो परियोजनाएं हैं, जो लगभग पूरी हो चुकी हैं, केवल पेड़ काटने की अनुमति की आवश्यकता के कारण अटकी हुई हैं। दिल्ली में 102 फ्लाईओवर हैं, जिनमें से अधिकांश का निर्माण पीडब्ल्यूडी द्वारा किया गया है। अधिकारी ने कहा कि रखरखाव जैसे कुछ विंग ऐसे हैं, जिनमें साल भर पर्याप्त काम होता है, जिसका उपयोग कर्मचारियों द्वारा किया जा सकता है, हालांकि, अभी निर्णय अंतिम नहीं है। वर्तमान में पीडब्ल्यूडी के पास तीन सड़क क्षेत्र उत्तर, दक्षिण और पूर्व हैं।
इन्दौर हिन्दू संगठन कार्यकर्ताओं की एक खातिरदारी कार्रवाई और पुलिस हस्तक्षेप के बाद छेड़छाड़ के मामले में पुलिस ने शूटिंग एकेडमी के डायरेक्टर को गिरफ्तार किया है। मामला अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र का है। जहां हिंदू संगठन के कार्यकर्ता शूटिंग एकेडमी के डायरेक्टर मोहसिन सलीम खान को पीटते हुए लेकर पहुंचे और उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा उसे गिरफ्तार करवाया। पिटाई के शूटिंग डायरेक्टर मोहसिन सलीम खान घायल भी हो गया जिसके चलते पुलिस ने उसका मेडिकल भी करवाया। अन्नपूर्णा थाना प्रभारी अजय नायर के अनुसार
मोहसिन सलीम खान निवासी सिल्वर आक्स (अन्नपूर्णा) कालोनी की सिल्वर आक्स कालोनी में शूटिंग एकेडमी है जहां मल्हारगंज थाना क्षेत्र में रहने वाली एक युवती अभ्यास के लिए आती थी। कल मोहसिन ने अभ्यास के दौरान उसके साथ अश्लील हरकत की। युवती ने मोहसिन की यह हरकत परिजनों को बताई जिसके बाद परिजन हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं को लेकर मौके पर पहुंचे और मोहसिन की पिटाई करते अन्नपूर्णा थाने ले आएं। फिलहाल मामले में पुलिस जांच कार्रवाई कर रही है।
* माह जून में मनाया जाएगा ‘चावल उत्सव’
कोरबा छत्तीसगढ़ शासन ने प्रदेश के राशन कार्डधारियों को बड़ी राहत देते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत जून, जुलाई और अगस्त माह का चावल एक साथ वितरित करने का निर्णय लिया है। हितग्राही अपनी सुविधा अनुसार एक, दो या तीन माह का चावल एकमुश्त अथवा अलग-अलग समय में प्राप्त कर सकेंगे। यह वितरण कार्य जून माह में ‘चावल उत्सव’ के रूप में मनाया जाएगा।
* 31 मई तक होगा भंडारण
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के निर्देशानुसार, तीन माह का चावल वितरण 31 मई तक सभी उचित मूल्य दुकानों में भंडारण के साथ शुरू कर दिया जाएगा। इस दौरान चना, शक्कर, नमक और गुड़ जैसी अन्य राशन सामग्रियों का वितरण नागरिक आपूर्ति निगम में उपलब्ध स्टॉक के आधार पर हर माह अलग-अलग किया जाएगा।
* हर दुकान पर नोडल अधिकारी की नियुक्ति
‘चावल उत्सव’ के सफल आयोजन हेतु प्रत्येक उचित मूल्य दुकान में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, जो समय-सीमा के भीतर भंडारण और वितरण की निगरानी करेंगे। साथ ही वितरण प्रक्रिया की सत्यापन कार्यवाही भी उन्हीं की देखरेख में संपन्न होगी।
* ई-पॉस मशीन से होगा पारदर्शी वितरण
राशन वितरण में ई-पॉस मशीन का उपयोग अनिवार्य किया गया है। हितग्राही को बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के पश्चात राशन सामग्री प्राप्त होगी और हर लेन-देन की रसीद ई-पॉस मशीन से जनरेट कर हितग्राही को सौंपी जाएगी। चावल उत्सव’ के प्रचार-प्रसार हेतु सभी उचित मूल्य दुकानों में पोस्टर और बैनर लगाए जाएंगे। साथ ही स्थानीय निगरानी समिति की उपस्थिति में वितरण प्रक्रिया को पूर्ण पारदर्शिता के साथ संपन्न किया जाएगा।
जकार्ता, । पाकिस्तान की हरकतों से दुनिया के कई देश नाराज हैं। वे उस पर भरोसा भी नहीं करते तो कई मुस्लिम देश भी उसे झटका देने से पीछे नहीं हटते। 57 मुसलमान देशों के इस संगठन की मीटिंग जकार्ता में हो रही थी, जहां एक प्रस्ताव में वह भारत के खिलाफ लिखवाना चाहता था। उसके इस एजेंडे को दुनिया के सबसे बड़े मुसलमान देश इंडोनेशिया ने ही रोक दिया, जो इस मीटिंग का मेजबान भी था। रिपोर्ट के अनुसार इंडोनेशिया के अलावा बहरीन और मिस्र ने भी पाकिस्तान की इस कोशिश का विरोध किया।
दरअसल 12 मई से ओआईसी की संसदीय यूनियन की मीटिंग हुई थी। इसी बैठक में पाकिस्तान ने शरारतपूर्ण एजेंडा रखते हुए भारत के खिलाफ कश्मीर को प्रस्ताव पारित कराने की कोशिश की थी।इस प्रस्ताव का इंडोनेशिया, बहरीन और मिस्र ने विरोध किया तो फिर उसकी भाषा को नरम कर दिया गया। पार्लियामेंट्री यूनियन के प्रस्ताव में गाजा पर लगातार जारी हमलों को लेकर इजरायल की तीखी निंदा की गई है, जबकि भारत को लेकर बेहद सधे शब्दों में बात कही गई। इसकी वजह यही थी कि मेजबान इंडोनेशिया समेत तीन देश पाकिस्तान की कोशिश के आड़े आ गए। पिछले दिनों ही इंडोनेशिया ने इस्लामिक स्टेट के दो आतंकियों अब्दुल्ला फैज और तल्हा खान को भारत प्रत्यर्पित किया था। इन लोगों को मुंबई एयरपोर्ट पर उतरते ही अरेस्ट कर लिया गया था। इंडोनेशिया की तरफ से आतंकियों का प्रत्यर्पण भारत के लिए एक बड़ी मदद रही है। इंडोनेशिया का रुख लंबे समय से भारत के प्रति अनुकूल रहा है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियांतो गणतंत्र दिवस परेड में अतिथि के तौर पर आए थे और भारत के आग्रह पर उन्होंने पाकिस्तान जाने का प्लान टाल दिया था। यही नहीं उन्होंने भारत में अतिरिक्त समय दिया था। इसके अलावा कश्मीर के मसले पर भी इंडोनेशिया की तरफ से भारत का समर्थन किया जाता रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी इंडोनेशिया का बयान आया था और उसने निंदा की थी। इंडोनेशिया का कहना था कि हम आतंकवाद के खिलाफ जंग में पाकिस्तान के साथ हैं। यही नहीं बीते करीब एक दशक में बहरीन और मिस्र के साथ भी भारत के संबंध बेहतर हुए हैं।
जकार्ता, । पाकिस्तान की हरकतों से दुनिया के कई देश नाराज हैं। वे उस पर भरोसा भी नहीं करते तो कई मुस्लिम देश भी उसे झटका देने से पीछे नहीं हटते। 57 मुसलमान देशों के इस संगठन की मीटिंग जकार्ता में हो रही थी, जहां एक प्रस्ताव में वह भारत के खिलाफ लिखवाना चाहता था। उसके इस एजेंडे को दुनिया के सबसे बड़े मुसलमान देश इंडोनेशिया ने ही रोक दिया, जो इस मीटिंग का मेजबान भी था। रिपोर्ट के अनुसार इंडोनेशिया के अलावा बहरीन और मिस्र ने भी पाकिस्तान की इस कोशिश का विरोध किया।
दरअसल 12 मई से ओआईसी की संसदीय यूनियन की मीटिंग हुई थी। इसी बैठक में पाकिस्तान ने शरारतपूर्ण एजेंडा रखते हुए भारत के खिलाफ कश्मीर को प्रस्ताव पारित कराने की कोशिश की थी।इस प्रस्ताव का इंडोनेशिया, बहरीन और मिस्र ने विरोध किया तो फिर उसकी भाषा को नरम कर दिया गया। पार्लियामेंट्री यूनियन के प्रस्ताव में गाजा पर लगातार जारी हमलों को लेकर इजरायल की तीखी निंदा की गई है, जबकि भारत को लेकर बेहद सधे शब्दों में बात कही गई। इसकी वजह यही थी कि मेजबान इंडोनेशिया समेत तीन देश पाकिस्तान की कोशिश के आड़े आ गए। पिछले दिनों ही इंडोनेशिया ने इस्लामिक स्टेट के दो आतंकियों अब्दुल्ला फैज और तल्हा खान को भारत प्रत्यर्पित किया था। इन लोगों को मुंबई एयरपोर्ट पर उतरते ही अरेस्ट कर लिया गया था। इंडोनेशिया की तरफ से आतंकियों का प्रत्यर्पण भारत के लिए एक बड़ी मदद रही है। इंडोनेशिया का रुख लंबे समय से भारत के प्रति अनुकूल रहा है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियांतो गणतंत्र दिवस परेड में अतिथि के तौर पर आए थे और भारत के आग्रह पर उन्होंने पाकिस्तान जाने का प्लान टाल दिया था। यही नहीं उन्होंने भारत में अतिरिक्त समय दिया था। इसके अलावा कश्मीर के मसले पर भी इंडोनेशिया की तरफ से भारत का समर्थन किया जाता रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी इंडोनेशिया का बयान आया था और उसने निंदा की थी। इंडोनेशिया का कहना था कि हम आतंकवाद के खिलाफ जंग में पाकिस्तान के साथ हैं। यही नहीं बीते करीब एक दशक में बहरीन और मिस्र के साथ भी भारत के संबंध बेहतर हुए हैं।
जकार्ता, । पाकिस्तान की हरकतों से दुनिया के कई देश नाराज हैं। वे उस पर भरोसा भी नहीं करते तो कई मुस्लिम देश भी उसे झटका देने से पीछे नहीं हटते। 57 मुसलमान देशों के इस संगठन की मीटिंग जकार्ता में हो रही थी, जहां एक प्रस्ताव में वह भारत के खिलाफ लिखवाना चाहता था। उसके इस एजेंडे को दुनिया के सबसे बड़े मुसलमान देश इंडोनेशिया ने ही रोक दिया, जो इस मीटिंग का मेजबान भी था। रिपोर्ट के अनुसार इंडोनेशिया के अलावा बहरीन और मिस्र ने भी पाकिस्तान की इस कोशिश का विरोध किया।
दरअसल 12 मई से ओआईसी की संसदीय यूनियन की मीटिंग हुई थी। इसी बैठक में पाकिस्तान ने शरारतपूर्ण एजेंडा रखते हुए भारत के खिलाफ कश्मीर को प्रस्ताव पारित कराने की कोशिश की थी।इस प्रस्ताव का इंडोनेशिया, बहरीन और मिस्र ने विरोध किया तो फिर उसकी भाषा को नरम कर दिया गया। पार्लियामेंट्री यूनियन के प्रस्ताव में गाजा पर लगातार जारी हमलों को लेकर इजरायल की तीखी निंदा की गई है, जबकि भारत को लेकर बेहद सधे शब्दों में बात कही गई। इसकी वजह यही थी कि मेजबान इंडोनेशिया समेत तीन देश पाकिस्तान की कोशिश के आड़े आ गए। पिछले दिनों ही इंडोनेशिया ने इस्लामिक स्टेट के दो आतंकियों अब्दुल्ला फैज और तल्हा खान को भारत प्रत्यर्पित किया था। इन लोगों को मुंबई एयरपोर्ट पर उतरते ही अरेस्ट कर लिया गया था। इंडोनेशिया की तरफ से आतंकियों का प्रत्यर्पण भारत के लिए एक बड़ी मदद रही है। इंडोनेशिया का रुख लंबे समय से भारत के प्रति अनुकूल रहा है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियांतो गणतंत्र दिवस परेड में अतिथि के तौर पर आए थे और भारत के आग्रह पर उन्होंने पाकिस्तान जाने का प्लान टाल दिया था। यही नहीं उन्होंने भारत में अतिरिक्त समय दिया था। इसके अलावा कश्मीर के मसले पर भी इंडोनेशिया की तरफ से भारत का समर्थन किया जाता रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी इंडोनेशिया का बयान आया था और उसने निंदा की थी। इंडोनेशिया का कहना था कि हम आतंकवाद के खिलाफ जंग में पाकिस्तान के साथ हैं। यही नहीं बीते करीब एक दशक में बहरीन और मिस्र के साथ भी भारत के संबंध बेहतर हुए हैं।
जकार्ता, । पाकिस्तान की हरकतों से दुनिया के कई देश नाराज हैं। वे उस पर भरोसा भी नहीं करते तो कई मुस्लिम देश भी उसे झटका देने से पीछे नहीं हटते। 57 मुसलमान देशों के इस संगठन की मीटिंग जकार्ता में हो रही थी, जहां एक प्रस्ताव में वह भारत के खिलाफ लिखवाना चाहता था। उसके इस एजेंडे को दुनिया के सबसे बड़े मुसलमान देश इंडोनेशिया ने ही रोक दिया, जो इस मीटिंग का मेजबान भी था। रिपोर्ट के अनुसार इंडोनेशिया के अलावा बहरीन और मिस्र ने भी पाकिस्तान की इस कोशिश का विरोध किया।
दरअसल 12 मई से ओआईसी की संसदीय यूनियन की मीटिंग हुई थी। इसी बैठक में पाकिस्तान ने शरारतपूर्ण एजेंडा रखते हुए भारत के खिलाफ कश्मीर को प्रस्ताव पारित कराने की कोशिश की थी।इस प्रस्ताव का इंडोनेशिया, बहरीन और मिस्र ने विरोध किया तो फिर उसकी भाषा को नरम कर दिया गया। पार्लियामेंट्री यूनियन के प्रस्ताव में गाजा पर लगातार जारी हमलों को लेकर इजरायल की तीखी निंदा की गई है, जबकि भारत को लेकर बेहद सधे शब्दों में बात कही गई। इसकी वजह यही थी कि मेजबान इंडोनेशिया समेत तीन देश पाकिस्तान की कोशिश के आड़े आ गए। पिछले दिनों ही इंडोनेशिया ने इस्लामिक स्टेट के दो आतंकियों अब्दुल्ला फैज और तल्हा खान को भारत प्रत्यर्पित किया था। इन लोगों को मुंबई एयरपोर्ट पर उतरते ही अरेस्ट कर लिया गया था। इंडोनेशिया की तरफ से आतंकियों का प्रत्यर्पण भारत के लिए एक बड़ी मदद रही है। इंडोनेशिया का रुख लंबे समय से भारत के प्रति अनुकूल रहा है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियांतो गणतंत्र दिवस परेड में अतिथि के तौर पर आए थे और भारत के आग्रह पर उन्होंने पाकिस्तान जाने का प्लान टाल दिया था। यही नहीं उन्होंने भारत में अतिरिक्त समय दिया था। इसके अलावा कश्मीर के मसले पर भी इंडोनेशिया की तरफ से भारत का समर्थन किया जाता रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी इंडोनेशिया का बयान आया था और उसने निंदा की थी। इंडोनेशिया का कहना था कि हम आतंकवाद के खिलाफ जंग में पाकिस्तान के साथ हैं। यही नहीं बीते करीब एक दशक में बहरीन और मिस्र के साथ भी भारत के संबंध बेहतर हुए हैं।
जकार्ता, । पाकिस्तान की हरकतों से दुनिया के कई देश नाराज हैं। वे उस पर भरोसा भी नहीं करते तो कई मुस्लिम देश भी उसे झटका देने से पीछे नहीं हटते। 57 मुसलमान देशों के इस संगठन की मीटिंग जकार्ता में हो रही थी, जहां एक प्रस्ताव में वह भारत के खिलाफ लिखवाना चाहता था। उसके इस एजेंडे को दुनिया के सबसे बड़े मुसलमान देश इंडोनेशिया ने ही रोक दिया, जो इस मीटिंग का मेजबान भी था। रिपोर्ट के अनुसार इंडोनेशिया के अलावा बहरीन और मिस्र ने भी पाकिस्तान की इस कोशिश का विरोध किया।
दरअसल 12 मई से ओआईसी की संसदीय यूनियन की मीटिंग हुई थी। इसी बैठक में पाकिस्तान ने शरारतपूर्ण एजेंडा रखते हुए भारत के खिलाफ कश्मीर को प्रस्ताव पारित कराने की कोशिश की थी।इस प्रस्ताव का इंडोनेशिया, बहरीन और मिस्र ने विरोध किया तो फिर उसकी भाषा को नरम कर दिया गया। पार्लियामेंट्री यूनियन के प्रस्ताव में गाजा पर लगातार जारी हमलों को लेकर इजरायल की तीखी निंदा की गई है, जबकि भारत को लेकर बेहद सधे शब्दों में बात कही गई। इसकी वजह यही थी कि मेजबान इंडोनेशिया समेत तीन देश पाकिस्तान की कोशिश के आड़े आ गए। पिछले दिनों ही इंडोनेशिया ने इस्लामिक स्टेट के दो आतंकियों अब्दुल्ला फैज और तल्हा खान को भारत प्रत्यर्पित किया था। इन लोगों को मुंबई एयरपोर्ट पर उतरते ही अरेस्ट कर लिया गया था। इंडोनेशिया की तरफ से आतंकियों का प्रत्यर्पण भारत के लिए एक बड़ी मदद रही है। इंडोनेशिया का रुख लंबे समय से भारत के प्रति अनुकूल रहा है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियांतो गणतंत्र दिवस परेड में अतिथि के तौर पर आए थे और भारत के आग्रह पर उन्होंने पाकिस्तान जाने का प्लान टाल दिया था। यही नहीं उन्होंने भारत में अतिरिक्त समय दिया था। इसके अलावा कश्मीर के मसले पर भी इंडोनेशिया की तरफ से भारत का समर्थन किया जाता रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी इंडोनेशिया का बयान आया था और उसने निंदा की थी। इंडोनेशिया का कहना था कि हम आतंकवाद के खिलाफ जंग में पाकिस्तान के साथ हैं। यही नहीं बीते करीब एक दशक में बहरीन और मिस्र के साथ भी भारत के संबंध बेहतर हुए हैं।