सात घंटे बिजली कटौती का फरमार, उद्योगों को हो रहा नुकसान

Jun 26, 2024

जयपुर,। राजस्थान में बिजली संकट बरकरार है जो अब व्यापक रूप में दिखने लगा है। मई और जून में भीषण गर्मी में ग्रामीण और शहरी इलाकों में बिजली कटौती से जनता का हाल बेहाल था। सत्ता पक्ष के कई विधायकों और मंत्रियों ने भी अपने अपने क्षेत्र में बिजली को सुचारू करने की मांग सरकार से कर चुके हैं। अब उद्योगों पर भी बिजली संकट के बादल मंडराने लगे हैं। 

राज्य सरकार ने मंगलवार देर रात से सात घंटे बिजली कटौती शुरू कर दी है। अब उद्योगपति सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि रोजाना सात घंटे बिजली कटौती से उनका 30 फीसदी उत्पादन कम होगा, जिसका सीधा असर सरकार के राजस्व पर भी पड़ेगा।

बिजली कटौती के आदेश के बाद जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम इलाके में सात घंटे की रोज कटौती करना शुरू कर दिया है। रात 8 बजे से लेकर तीन बजे तक बिजली सप्लाई बंद रहेगी। कोल्ड स्टोरेज जैसे उद्योगों बिजली कटौती में 50 फीसदी की छूट दी गई है। साथ ही एनसीआर में बिजली आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रहेगी। ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त सचिव का कहना है कि प्रदेश में बिजली खपत 20 फीसदी बढ़ी है। ऐसे में एहतियातन बिजली कटौती के कदम उठाए जा रहे हैं। पिछले साल जून में बिजली की मांग रोज 2200 लाख यूनिट थी जो इस बार बढ़कर 3500 लाख यूनिट हो गई है।

बिजली कटौती से उद्योगों को भारी नुकसान पहुंचेगा। जयपुर के सीतापुरा औद्योगिक एसोसिएशन के अध्यक्ष निलेश अग्रवाल का कहना है कि सरकार अपना वादा भूल गई है। सरकार ने बिजली सप्लाई का वादा किया था। अब कभी फ्यूल सरचार्ज तो कभी बिजली कटौती की जाने लगी है। सरकार के इस फैसले से नया औद्योगिक क्षेत्र प्रभावित होगा। झोटवाड़ा औद्योगिक क्षेत्र के अध्यक्ष आनंद गुप्ता कहते हैं कि बिजली कटौती का आदेश उद्योगों के लिए किसी सजा से कम नहीं है।


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