
रुस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कजाकिस्तान, नामीबिया के पास सबसे ज्यादा है यूरेनियम
Jan 24, 2025
-खनन कर गैस में किया जाता है परिवर्तित, परमाणु हथियार बनाने में होता है इस्तेमाल
नई दिल्ली,। दुनिया में सिर्फ 9 देशों के पास ही परमाणु हथियार हैं। ये देश अमेरिका, रूस, इंग्लैंड, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजराइल हैं। इसमें सबसे ज्यादा परमाणु हथियार रूस ने बनाए हैं। रूस के पास 5580 परमाणु हथियार हैं और यूएसए के पास 5044 परमाणु हथियार हैं।
परमाणु हथियार बनाने के लिए यूरेनियम जरुरी होता है। ये पूरी दुनिया में पाया जाता है। हालांकि, पांच देश ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कजाकिस्तान, नामीबिया और रूस के पास दुनिया का दो-तिहाई यूरेनियम है। यूरेनियम को पृथ्वी से खनन करके गैस में परिवर्तित किया जाता है, ताकि इसका इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने में हो सके। परमाणु विखंडन उन वैज्ञानिक प्रक्रियाओं में से एक है जो परमाणु ऊर्जा बनाने में मदद करती है। यह तब होता है जब न्यूट्रॉन परमाणु नाभिक पर बमबारी करते हैं और उन्हें विभाजित करते हैं, जिससे भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। विखंडन के लिए सबसे ज्यादा प्रयोग यूरेनियम और प्लूटोनियम का किया जाता है।
परमाणु ऊर्जा का उत्पादन यूरेनियम संवर्धन से शुरू होता है। यूरेनियम संवर्धन सबसे आम तौर पर गैस सेंट्रीफ्यूज में होता है। यूरेनियम को गैस में बदलने के बाद इसे सेंट्रीफ्यूज में डाला जाता है, जो उच्च गति पर घूमते हैं, ताकि थोड़े भारी यू-238 को यू-235 से अलग किया जा सके। सेंट्रीफ्यूज में घुमाव का प्रत्येक दौर नमूने में यू-238 के अनुपात को कम करता है और यू-235 के अनुपात को बढ़ाता है। यूरेनियम को कई स्तरों तक समृद्ध किया जा सकता है, जो दो श्रेणियों में आते हैं।
निम्न-समृद्ध यूरेनियम जिसमें 20 फीसदी से कम यू-235 होता है और इसका उपयोग अक्सर परमाणु ऊर्जा या गैर-ऊर्जा रिएक्टरों में किया जाता है, जो चिकित्सा उपयोग, वैज्ञानिक अनुसंधान और अन्य उद्देश्यों के लिए सामग्री का उत्पादन करते हैं। अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम जिसमें 20 फीसदी या उससे अधिक यू-235 होता है और इसका इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे-परमाणु हथियार विकसित करने के लिए और कुछ अन्य विशिष्ट अनुप्रयोगों में और परमाणु ऊर्जा द्वारा चलित पनडुब्बियों के लिए। किसी भी स्तर के यूरेनियम का इस्तेमाल हथियार के लिए किया जा सकता है।
एक बार कोई देश यूरेनियम संवर्धन कर ले तो वह कुछ ही महीनों में परमाणु हथियार के लिए पर्याप्त एचईयू का उत्पादन कर सकता है। अगर कोई देश परमाणु ऊर्जा बनाने में सक्षम है तो उसे परमाणु हथियार बनाने में ज्यादा समय नहीं लगता है। ईरान भी परमाणु बम बनाने की कोशिश में लगा है।