किडनी रोग से पीडित पोप की हालत नाजुक, चुनाव पर होने लगी चर्चा

वैटिकन सिटी। पोप फ्रांसिस फेफड़ों के जटिल संक्रमण और किडनी रोग के कारण वो अभी अस्पताल में भर्ती हैं। उनके गिरते स्वास्थ्य के कारण उनके संभावित उत्तराधिकारी के चुनाव को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। अगला पोप कैसे चुना जाता है। चुनाव में कार्डिनल की खास भूमिका होती है। दुनिया भर से आने वाले बिशप और वेटिकन के अधिकारी होते हैं, जिन्हें व्यक्तिगत रूप से पोप द्वारा चुना जाता है। यह अपने खास लाल कपड़ों से पहचाने जाते हैं। इन्हीं कार्डिनल्स के समूह को कॉलेज ऑफ कार्डिनल्स कहा जाता है।

यूनाइटेड स्टेट्स कॉन्फ्रेंस ऑफ कैथोलिक बिशप की वेबसाइट के मुताबिक किसी भी वजह से पोप का पद खाली होने के बाद, ये कार्डिनल वेटिकन सिटी में एक के बाद एक बैठक करते हैं, जिन्हें सामान्य मण्डली (जनरल कॉन्ग्रेगेशन) कहा जाता है। इन बैठकों में वे वैश्विक स्तर पर कैथोलिक चर्च के सामने आने वाली जरूरतों और चुनौतियों पर चर्चा करते हैं। साथ ही वे अगले पोप के चुनाव के लिए भी तैयारी करते हैं, जिसे कॉन्क्लेव कहा जाता है। इस बीच ऐसे फैसले जो केवल पोप ही ले सकते हैं, जैसे बिशप की नियुक्ति या बिशप की धर्मसभा बुलाना, उसके लिए चुनाव के बाद तक का इंतजार किया जाता है। ऐसी बैठक में ही मृत पोप के अंतिम संस्कार और उन्हें दफनाने की व्यवस्था की जाती है।

कार्डिनल पोप के चुनाव के लिए गुप्त मतदान करते हैं। वे दो बार मुड़े हुए बैलेट पेपर को एक बड़े प्याले में डालते हैं। जब तक किसी उम्मीदवार को दो-तिहाई वोट नहीं मिल जाते, तब तक हर दिन चार राउंड की वोटिंग होती है। हर राउंड के रिजल्ट को जोर से गिना जाता है और रिकॉर्डर बने तीन कार्डिनल उन्हें रिकॉर्ड करते हैं। यदि किसी को आवश्यक दो-तिहाई वोट नहीं मिलता है, तो बैलेट पेपर को चैपल के पास एक स्टोव में जला दिया जाता है और उनको काला धुंआ पैदा करने वाले केमिकल में जलाया जाता है।


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