धरती पर चींटियों की 13,000 से अधिक प्रजातियां मौजूद

-प्रोफेसर क्लिंट पेनिक ने इस पर किया लंबा रिसर्च 

 त्बिलिसी। क्या आप चींटियों को सूंघ सकते हैं? कैसे होती है इनकी गंध? साइंटिस्ट ने इसके बारे में बताया है।अगर आपसे पूछा जाए कि चीटियां कितने तरह की होती हैं, तो आपका जवाब हो सकता है कि लाल चीटियां और काली चीटियां। लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक, धरती पर चींटियों की 13,000 से अधिक प्रजातियां मौजूद हैं।

 जॉर्जिया में केनेसॉ स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्लिंट पेनिक ने इस पर लंबा रिसर्च किया है। उन्होंने बताया कि वैसे तो ये लाल और काले रंग में बंटी हुई हैं। लेकिन एक चीज है, जिससे इनकी अलग-अलग पहचान हो सकती है और वह है इनकी गंध। चींटियों की कई प्रजातियां गुस्सा होने, कुचले जाने पर तेज गंध वाले रसायन छोड़ती हैं। जैसे ट्रैप-जॉ चींटियां जब परेशान होती हैं तो वो चॉकलेट जैसी गंध छोड़ती हैं। बड़ी पीली दिखने वाली सिट्रोनेला चींटियां नींबू जैसी गंध फेंकती हैं। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण, जो चींटी हमारे और आपके घरों में पाई जाती है, उसकी गंध सड़े हुए पनीर या बासी नारियल की तरह होती है। साइंटिस्ट के मुताबिक, ऐसा इसलिए है क्योंकि घरेलू चींटियां मिथाइल कीटोन्स नामक रसायन छोड़ती है। यह पेनिसिलियम बैक्टीरिया से उत्पन्न होते हैं। जो पनीर और सड़ते नारियल पर उगते हैं। प्रोफेसर क्लिंट पेनिक ने कहा, अगर हमें चींटियों की गंध- पता हो, तो हमला करने से पहले ही हम उन्हें कुचल देंगे। लेकिन चींटियों की सभी प्रजातियों में इतनी गंध नहीं होती कि इंसान की नाक उसका पता लगा सके। क्योंकि यह गंध काफी हल्की हो सकती है। 

कुछ को कुचलने के बाद ही हम सूंघें तो गंध पता चलती है। लेकिन ये चींटियां अगर बहुत सारी एक साथ चलें, तो गंध पता चल सकती है। कुछ चींटियां ऐसी होती हैं, जो दूर से ही गंध देती हैं। इन्हें दूर से ही सूंघा जा सकता है। मालूम हो कि चींटियां काफी छोटी होती हैं, लेकिन तीखा प्रहार करने के लिए जानी जाती हैं। वे कब आएं और काटकर चली जाएं, पता ही नहीं चलता। सोचिए अगर आपको इनकी गंध के बारे में पता हो, तो शायद काटने से पहले ही पता चल जाए कि कोई चींटी आपके आसपास है। आप उससे दूर हो जाएंगे और दर्द से बच जाएंगे। 



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