खून साफ करने की एक कृत्रिम विधि है डायलिसिस

डायलिसिस को हिन्दी में अपोहन कहते हैं। डायलिसिस खून साफ करने की एक कृत्रिम विधि है इस प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है जब किसी रोगी का किडनी। वृक्क, गुर्दे सही से काम नहीं करता है। जब हमारी किडनी सही ढंग से काम नहीं करता है ऐसे में विषैले पदार्थों (क्रिएटिनिन और यूरिया) का शरीर से बाहर नहीं निकलना कठिन हो जाता है। विषैले पदार्थों की जब मनुष्य के शरीर बढ़ जाता है, तो डायलसिस की आवश्यकता पड़ती है।

किडनी फेल होने के लक्षण 

जब गुर्दे की कार्य क्षमता 80-90 फीसदी तक घट जाती है इसमें पेशाब का बनना बहुत कम हो जाता है जिससे विषाक्त पदार्थों का शरीर में जमा होने से थकान सूजन, मतली उल्टी और सांस फूलने जैसे लक्षण दिखाई दे सकता है।  ऐसे समय में सामान्य चिकित्सा प्रबंधन यानि दवाई अपर्याप्त हो जाता है और मरीज़ को डायलिसिस शुरू करने की जरूरत होती है।




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