ग्रीस के इकारिया द्वीप में डिमेंशिया के मामले न के बराबर

लंदन । दुनिया में एक ऐसा स्थान भी है जहां डिमेंशिया के मामले न के बराबर हैं। ग्रीस का इकारिया द्वीप ऐसा ही एक स्थान है, जहां लोग लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जीते हैं और उम्र बढ़ने के बावजूद मानसिक रूप से सक्रिय रहते हैं।

 विशेषज्ञों का मानना है कि वहां के लोगों की जीवनशैली, खानपान और आदतें उन्हें इस बीमारी से बचाती हैं। इकारिया द्वीप के लोगों की जीवनशैली पर किए गए अध्ययन बताते हैं कि उनके आहार में हरी सब्जियां, जैतून का तेल, मछली और हर्बल चाय प्रमुख रूप से शामिल हैं। इसके अलावा, वे सामाजिक रूप से सक्रिय रहते हैं, नियमित व्यायाम करते हैं और तनाव से दूर रहने की कोशिश करते हैं। इसी तरह, जापान में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि ग्रीन टी पीने से भी डिमेंशिया का खतरा कम हो सकता है। 

इस अध्ययन में 9,000 लोगों के ब्रेन स्कैन किए गए, जिससे यह सामने आया कि जो लोग प्रतिदिन तीन या अधिक कप ग्रीन टी पीते थे, उनके मस्तिष्क के सफेद पदार्थ (सेरिब्रल वाइट) को कम नुकसान हुआ था। सेरिब्रल वाइट को नुकसान डिमेंशिया के प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट्स, विशेष रूप से कैटेचिन, भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये शरीर में सूजन और कोशिका क्षति को कम करने में मदद करते हैं, जिससे मस्तिष्क की कार्यक्षमता बेहतर बनी रहती है। इसके अलावा, ग्रीन टी हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी मानी जाती है, क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा कम होता है।

 हालांकि, सिर्फ ग्रीन टी पीने से ही डिमेंशिया से पूरी तरह बचाव संभव नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, सामाजिक जुड़ाव और मानसिक रूप से सक्रिय रहना भी उतना ही जरूरी है। इकारिया द्वीप और अन्य ब्लू ज़ोन क्षेत्रों से यह सीख मिलती है कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और सही आदतों को अपनाकर इस बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है। बता दें कि दुनियाभर में डिमेंशिया यानी मनोभ्रंश एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है। भारत में एक करोड़ से अधिक लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं और 2050 तक यह संख्या 197 प्रतिशत तक बढ़ने की आशंका है। 


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