अमेरिका, यूरोप का सुरक्षा ठेकेदार नहीं अपनी सुरक्षा खुद करें: राष्ट्रपति ट्रंप

पेरिस। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि यूरोपीय देश अपनी सुरक्षा खुद करें। उन्होंने ये भी साफ कर दिया है कि अमेरिका, यूरोप का सुरक्षा ठेकेदार नहीं है। ट्रंप की धमकी से यूरोपीय देश परेशान हैं। जिसे देखते हुए भारत का दोस्त फ्रांस, परमाणु हथियारों से लैस राफेल फाइटर जेट को जर्मनी में तैनात करने की संभावनाओं पर विचार कर रहा है। फ्रांस का ये फैसला दिखाता है कि अमेरिका, नाटो के तहत यूरोपीय देशों की सुरक्षा की गारंटी लेने वाला नहीं है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में भी नाटो देशों पर निशाना साधा था और कहा था कि सदस्य देश नाटो में पैसे नहीं देते हैं। माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों ने ट्रान्साटलांटिक गठबंधन को काफी मुश्किल में डाल दिया है और यूरोपीय देश खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।जर्मनी के होने वाले चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने ब्रिटेन और फ्रांसीसी नेताओं के साथ परमाणु साझाकरण या परमाणु सुरक्षा के बारे में बातचीत करने के लिए आह्वान किया है। माना जा रहा है कि जल्द ही इन यूरोपीय देशों के बीच बैठक हो सकती है, जिसमें फ्रांसीसी परमाणु हथियार वाले राफेल फाइटर जेट को जर्मनी में तैनात करने पर सहमति बन सकती है।

फ्रांस में रूस के खिलाफ एक कवच बनाने और यूरोपीय देशों की रक्षा के लिए कदम उठाने पर गंभीरता से बहस हो रही है। यूरोपीय देशों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले अमेरिका पर यकीन नहीं किया जा सकता है। यूरोपीय देशों को डोनाल्ड ट्रंप से धोखे का डर है। डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गले लगाने के लिए व्याकुल हैं। उनके शांति समझौते में यूक्रेन के लिए कुछ नहीं है, बल्कि ट्रंप का शांति समझौता यूक्रेन को कई टुकड़ों में बांटने वाला है। इसके अलावा नाटो गठबंधन में दरार गहरा होता जा रहा है और यूक्रेन के समर्थन को लेकर नाटो देश गहराई से विभाजित हो चुके हैं।

फ्रांस के राष्ट्र्पति इमैनुएल मैक्रों ने डोनाल्ड ट्रंप को यूक्रेन के आत्मसमर्पण को लेकर चेतावनी दी है, जबकि डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो रूस के साथ एक डील करना चाहते हैं, जिसमें यूरोपीय शांति सैनिक शामिल हो सकते हैं। इसके अवाला यूनाइटेड नेशंस में यूक्रेन और यूरोपीय संघ ने यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ जो प्रस्ताव पेश किया था, अमेरिका ने उसके खिलाफ मतदान कर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने हद पार करते हुए यूक्रेन पर रूसी हमले को आक्रमण मानने से भी इनकार कर यूरोपीय देशों को चौंका दिया है।


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