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अभिनेता आशुतोष राणा ने युवाओं से किया संवाद
Nov 24, 2022
सागर : डॉ. हरिसिंह गौर की 153 वीं जंयती के अवसर पर मनाये जा रहे, गौर उत्सव के अंतर्गत गुरूवार को विष्वविद्यालय के स्वर्ण जंयती सभागार में प्रसिध्द सिने अभिनेता एवं साहित्यकार आषुतोष राणा ने युवाओं से संवाद किया। जिला प्रषासन और विष्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में विष्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता, कलेटर दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक तरूण नायक, जिला पंचायत सीईओ क्षितिज सिघंल, कुल सचिव संतोष सोहगौरा, गौरव सिरोठिया, अभिषेक भार्गव, मनोज शर्मा, विष्वविद्यालय के प्रध्यापकगण और छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
संवाद का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित एवं मां सरस्वती तथा डॉ. गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। प्रसिध्द अभिनेता का स्वागत बुंदेली परपरा के अनुसार साफा बांधकर किया गया। संवाद में राणा ने कहा कि विष्वविद्यालय की स्थापना के पीछे डॉ. गौर की बडी सोच थी कि इस पिछड़े क्षेत्र में षिक्षा का उजाला फैले और यहां की प्रतिभाओं को देषविदेष में नाम कमाने का मौका मिले। देष दुनिया से षिक्षा की चाह रखने वाले लोग यहां तक पहुंचे है। लोग हमेषा ही बडें महानगरों में शैक्षणिक संस्थान स्थापित करना चाहते है। डॉ. गौर ने पिछडे क्षेत्र में षिक्षा का बडा केन्द्र खोला। उन्होंने बताया कि डॉ. गौर ने एक बार अपने नजदीकी रिष्तेदार के बेटे के कम अंक होने पर विष्वविद्यालय में प्रवेष न होने पर कहा था कि सागर विष्वविद्यालय गरीब और पिछडे क्षेत्र की प्रतिभाओं के लिए है,
मूर्खो के लिए नहीं। राणा ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि उन्हें यहां पढऩे का अवसर मिला। यह सागर विष्वविद्यालय ही है, जिससे एक गाडरवाड़ा जैसे छोटे स्थान से आये एक लड़के को इतने उंचाईयां चढने लायक बनाया। उन्होंने कलेटर दीपक आर्य और पुलिस अधीक्षक के आग्रह पर प्रेयसी और माता पिता पर भावुक कविता की पंक्तियां सुनाई। उन्होंने डॉ. गौर विष्वविद्यालय सागर की प्रषंसा करते हुए कहा कि सागर महासागर की तरह है, जहां उपर तो खरा पानी है पर जो इसकी गहराई में जाता है, उसे अपार रत्न संपदा मिलती है। उन्होंने सागर शहर के तीनबाी को अति महत्वपूर्ण स्थान बताया। यहां मिलने वाले तीन रास्ते अलग-अलग मार्गो का संदेष देते है। साहित्यकार राणा ने राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की काव्य संग्रह रष्मिरथी की पंक्तियां वीर रस में पढ़कर सुनाई।