
वर्ष 2030 तक 30 फीसदी कृषि कर्ज डूबने का खतरा
Feb 24, 2025
- जलवायु परिवर्तन से प्रति व्यक्ति आय में गिरावट
नई दिल्ली । तापमान बढ़ने और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे से अगले पांच वर्षों में यानी 2030 तक कृषि एवं आवासीय कर्ज के 30 फीसदी हिस्से के डूबने का खतरा है। एक विश्लेषण रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि औसत वैश्विक तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर की तुलना में करीब 1.2 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है। इस कारण तटीय क्षेत्रों में बाढ़ आ रही है और कृषि उत्पादन घट रहा है। इसके परिणामस्वरूप, बढ़ती चरम मौसम की घटनाओं से प्रभावित लोगों की प्रति व्यक्ति आय में गिरावट आई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का लगभग आधा कर्ज, प्रकृति और उसके पारिस्थितिकी तंत्र पर काफी हद तक निर्भर है। इसलिए, कोई भी प्राकृतिक आपदा उनके मुनाफे को प्रभावित करती है। अनुमान के मुताबिक, 2030 तक भारत के 42 फीसदी जिलों में तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। अगले पांच साल में तापमान वृद्धि से 321 जिले प्रभावित हो सकते हैं, जिससे लोगों की कमाई पर असर पड़ सकता है।