15 वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट व 150 मशीनों से और स्वच्छ होगी राजधानी

Okt 10, 2024

 भोपाल। स्वच्छ भारत दिवस पर प्रदेश की राजधानी को पहले से ज्यादा स्मार्ट, क्लीन और ग्रीन सिटी बनाने का संकल्प लिया गया है। मुयमंत्री मोहन यादव ने इसके लिए भोपाल नगर निगम को 45 करोड़ 39 लाख रुपए का स्पेशल पैकेज उपलब्ध कराया है। प्रइस फंड से भोपाल शहर में स्मार्ट, क्लीन और ग्रीन प्रोजेक्ट के अंतर्गत 15 नए वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। साफ सफाई के लिए 150 आधुनिक मशीनों का बेड़ा सड़क पर उतारा जाएगा।

भोपाल शहर को मिलेगा ये फायदा

- गारबेज ट्रांसफर स्टेशन- 3 स्थानों पर 17 करोड़ 74 लाख रुपए की लागत से नए ट्रांसफर स्टेशन बनेंगे। इससे शहर में कचरा प्रबंधन करने में लगने वाला वक्त कम हो जाएगा।

- सीएनजी डोर टू डोर वाहन- 125 सीएनजी वाहन 8 करोड़ 75 लाख रुपए की लागत से लिए गए। यह वाहन घर घर से कचरा इकट्ठा करने के लिए उपयोग में आएंगे, जिससे प्रदूषण कम होगा।

- रोड स्वीपिंग मशीनें- 6 रोड स्वीपिंग मशीनें क्रय की गई है जिनमें से 1 का लोकार्पण किया गया। 3 करोड़ 90 लाख रुपए की लागत से शहर की सड़कों की स्वचलित सफाई हो सकेगी।

- 6 नये हुक लोडर- 4 करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से 6 हुक लोडर मशीनें मिली हैं। इनसे कचरा प्रबंधन और ट्रांसपोर्टेशन तेजी से हो सकेगा।

- रेंडरिंग प्लांट- आदमपुर में पीपीपी मोड के तहत 5 करोड़ रुपए की लागत से रेंडरिंग प्लांट स्थापित किया गया है। प्लांट का उपयोग कसाई खाने और बूचड़खाने से आने वाले मांस को निष्पादित करने में होगा।

- प्लास्टिक वेस्ट प्लांट- आदमपुर में 3 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से प्लास्टिक कचरे के निपटान के लिए प्लांट स्थापित किया गया है। इससे शहर में प्लास्टिक कचरे का वैज्ञानिक निष्पादन होगा।

  कोकोनट प्लांट से बढ़ेगा रोजगार

 राजधानी के  दानापानी में 20 लाख रुपए की लागत से कोकोनट प्लांट की स्थापना की गई है, जो जूट के पुनः उपयोग को बढ़ावा देगा।इसमें लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इसके अलावा  रिडयूज, रियूज, रिसाइकल ऑन व्हील यूनिट के जरिये  कचरे के पुनः उपयोग और रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देगा। पुराने कपड़ों से थैले वगैरह बनाने की ट्रेनिंग देगी।



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