दुर्घटनाओं को न्योता दे रही है तालाबों की टूटी बांउड़ी
Okt 11, 2024
भोपाल। भोपाल नगर निगम के झील संरक्षण प्रकोष्ठ की वर्किंग एक बार फिर चर्चा में है। हालत यह है कि शहर को तालाबों के किनारों को प्रकोष्ठ के अधिकारियों की लापरवाही के कारण खुला छोड़ दिया गया है। हालत यह है कि पुराने शहर में नूर महल रोड के पास स्थित लैंडिया तालाब की सड़क धंसती जा रही है और इसकी बाउंड्री लाइन टूट गयी है। इस कारण यहां पर कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इसी तरह से छोटे तालाब में भी प्रोफेसर कालोनी की तरफ के किनारों की दीवार टूट गयी है। यहां पर झील के किनारे बने पार्क में झुग्गियां भी बनी हैं जहां पर लोग आराम से न केवल रहते हैं बल्कि वहां पर गाड़ियां भी खड़ी करते हैं।
क्या हाल है छोेटे तालाब का
छोटे तालाब को इस समय शहर के सीवेज टैंक के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसमें मिलने वाले नालों का मुंह अभी तक बंद नहीं किया जा सका है। उपेक्षा के आलम में तो यह हाल है कि इसकी किनारों की बाउंड्री लाइनें भी दरकने लगी हैं। प्रोफेसर कालोनी के साइड के रोड के पास तो यह टूट गयी है जहां से कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है। इसको संवारने के लिये निगम ने अभी तक कुछ काम नहीं किया है।
क्या क्या होना था यहां
यहां तालाब में सीवेज रोकने के लिए तीन सीवेज पंप हाउस, 30 से 50 मीटर की दूरी तक फ्रिंज एरिया डेवलपमेंट, नालों का डायवर्जन जैसे काम किए जाने थे। इसके साथ ही खटलापुरा और कमला पार्क के पास गाद निकाली जानी थी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। तालाब से 50 मीटर की दूरी तक निर्माण गतिविधियों पर रोक है पर निर्माण जारी हैं। इसके किनारों को संवारने के लिये 50 लाख रूपये की योजना बनायी गयी थी लेकिन काम कुछ भी नजर नहीं आता है।
मुंशी हुसैन खां तालाब की टूटी बांउड्री
इसी तरह से पुराने शहर के मुंशी हुसैन खां तालाब में देर रात एक कार उतर गई। थी। हल्की बारिश के बीच कार सड़क से गुजर रही थी। तभी वह फिसलती हुई तालाब में चली गई। गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।