राष्ट्रमंडल खेलों में एक बार फिर कुश्ती को शामिल किया जाएगा : एरिका

विजयनगर । पूर्व ओलंपिक चैंपियन कनाडा की एरिका वीब ने 2026 राष्ट्रमंडल खेलों से कुश्ती को बाहर किये जाने को दुखद बताया है। ओलंपिक स्वर्ण विजेता पहलवान एरिका को उम्मीद है कि अगले सत्र में कुश्ती को बार फिर शामिल किया जाएगा। एरिका ने 2016 रियो ओलंपिक की महिला 75 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा के फाइनल में कजाखस्तान की गुजेल मेन्युरोवा को हराकर स्वर्ण पदक जीता था। एरिका ने इंटरव्यू में कहा, ‘ग्लासगो में 2026 राष्ट्रमंडल खेलों का फैसला बहुत निराशाजनक हैं। उन्होंने खेलों के लिए एक बहुत ही अलग मॉडल अपनाया। उनके पास केवल 10 खेल हैं। यह बेहद निराशाजनक बात है। मैं वास्तव में चाहती थी कि वे मुक्केबाजी की जगह कुश्ती को शामिल करते।  उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि कुश्ती तक लोगों की अधिक पहुंच है। मुझे लगता है कि महासंघ बेहतर स्थिति में है। मुझे लगता है कि यह राष्ट्रमंडल में भारत और नाइजीरिया की मौजूदगी में कुश्ती के खेल में शानदार खिलाड़ियों के रूप में अपनी विविधतापूर्ण ताकत दिखाने का एक अवसर है। कनाडा की इस पहलवान ने कहा, ‘इसलिए, हां, यह निराशाजनक है। मुझे लगता है कि हालत बदलेंगे। हम नहीं जानते कि भविष्य में क्या होने वाला है और इसलिए मुझे उम्मीद है कि शायद 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों में हम कुश्ती की वापसी देखेंगे। 

बुडापेस्ट 2018 विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता एरिका ने ओलंपिक पदक विजेता भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया की प्रशंसा की और कहा कि भारत में महिला कुश्ती में शानदार आदर्श मौजूद हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत से भारतीय खिलाड़ियों, खासकर पहलवानों की सराहना करती हूं।  भारत में महिला फ्रीस्टाइल कुश्ती में शानदार आदर्श मौजूद हैं।  एरिका ने कहा, ‘मैं फोगाट बहनों, साक्षी मलिक और विनेश के बारे में सोचती हूं, जो ना केवल मैट पर चैंपियन रही हैं, बल्कि जिस तरह से वे खुद को संभालती हैं और मैट के बाहर जिस तरह चीजों के लिए खड़ी होती हैं, वह मेरे लिए बेहद प्रेरणादायक है। 


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