स्त्रियां जन्म से ही कहानीकार होती है, कहानी प्रतियोगिता में बोले मुख्य अतिथि
Jan 13, 2025
इन्दौर डा. प्रेमकुमारी नाहटा कहानी प्रतियोगिता के द्वितीय वर्ष का आयोजन श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति के सभागार में संस्था वामा साहित्य द्वारा किया गया। इसमें देशभर से प्राप्त 108 कहानियों में से चुनी गई उत्कृष्ट रचनाओं को सम्मिलित किया गया । प्रतियोगिता में जयपुर की सोनू यशराज ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। द्वितीय स्थान पर बीकानेर की आशा शर्मा रहीं। वहीं भोपाल की शैली बक्षी खड़कोतकर और इंदौर की गरिमा जोशी पंत संयुक्त रूप से तृतीय स्थान पर रही। इस अवसर पर मुख्य अतिथि व प्रख्यात कवि डा. आशुतोष दुबे ने महिलाओं की कहानियों को उनके जीवन का स्वाभाविक विस्तार बताया। उन्होंने कहा, स्त्रियां जन्म से ही कहानीकार होती हैं। पुरुष को मेहनत करनी होती हैं।
उनके अनुभव, संवेदनशीलता और दृष्टिकोण साहित्य को अनूठा आयाम प्रदान करते हैं। इस मौके पर डा. प्रेमकुमारी नाहटा ने मौलिक लेखन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि आज तकनीकी युग ने हमें लेखनी से दूर कर दिया है। कार्यक्रम का संचालन स्मृति आदित्य ने किया। आभार मुक्ता जैन ने माना। समारोह में संस्था की अध्यक्ष ज्योति जैन, दिव्या मंडलोई, तेजस्वी मेहता सहित बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।