यूएसएआईडी पर करदाताओं के पैसे का गलत इस्तेमाल करने का आरोप, ट्रंप ने दिया बंद करने का आदेश

वाशिंगटन,। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) को बंद करने का आदेश दिया है। ट्रंप प्रशासन ने एजेंसी पर करदाताओं के पैसे का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। कुछ दिनों पहले ट्रंप ने एलन मस्क को सभी अमेरिकी विदेशी सहायता की समीक्षा करने का निर्देश दिया था। वहीं, हजारों यूएसएआईडी कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का भी आदेश दिया था। 

ट्रंप ने आदेश दिया कि दुनियाभर में इसके कार्यक्रम बंद कर दिए जाएं। एलन मस्क ने एजेंसी को आपराधिक संगठन बताया है। ट्रंप प्रशासन ने दावा किया है कि यूएसएआईडी ने पिछले कुछ सालों में अलकायदा जैसे आतंकवादी संगठन का फंड दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को भी यूएसएआईडी द्वारा फंडिंग की गई है। यह संगठन हाफिज सईद के  लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा है। यह आतंकी संगठन भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देते आया है।

कई लैटिन अमेरिकी देशों में एलजीबीटी समुदाय से जुड़े लोगों की मदद के लिए एजेंसी की ओर से फंड दिया गया है। इतना ही नहीं श्रीलंकाई पत्रकारों को द्विआधारी लिंगीय भाषा की चुनौतियों से निपटने जैसी छोटी चीजों के लिए भी फंड दिया गया है। इस मामले पर ट्रंप प्रशासन ने एक्स पर लिखा कि दशकों तक, यूएसएआईडी के नौकरशाहों का मानना था कि वे किसी के प्रति जवाबदेह नहीं हैं, लेकिन वह युग समाप्त हो गया है। राष्ट्रपति ट्रंप पैसों की बर्बादी, धोखाधड़ी और दुरुपयोग को रोक रहे हैं। 

ट्रंप के इस फैसले पर पूर्व राष्ट्रपति बाइडन, ओबामा, जॉर्ज बुश, बिल क्लिंटन और रीगन प्रशासन में काम करने वाले अधिकारियों ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि यूएसएआईडी को खत्म करना किसी भी राजनीतिक दल के लिए फायदेमंद नहीं है। ट्रंप के फैसले से अमेरिका के लोगों को नुकसान होगा। यूएसएआईडी द्वारा की जा रही सहायता अमेरिका के हित के लिए महत्वपूर्ण है। अमेरिकी संसद का कर्तव्य है कि वो यूएसएआईडी की रक्षा करें। 


Subscribe to our Newsletter