संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव-1701 सिर्फ दिखावा.......ना इजराइल मान रहा न हिजबुल्लाह
Okt 15, 2024
वाशिंगटन । इजरायल और लेबनान के बीच चल रही जंग में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएन) प्रस्ताव-1701 बेमतलब साबित हो रहा है। एनएफआईएल (यूनाइटेड नेशंस इंटरिम फ़ोर्स लेबनान) ने बताया कि लगातार इजरायली सैनिक उनकी चौकी को निशाना बना रहे हैं। वहीं इजराइली डिफेंस फोर्सेस का कहना है कि हिजबुल्लाह के ठिकाने एनएफआईएल की चौकियों के पास हैं, जहां से हिजबुल्लाह इजरायल पर रॉकेट और मिसाइल दाग रहा है।
इजरायल ने लेबनान पर ग्राउंड अटैक शुरू किया था तब एनएफआईएल से वहां से पीछे हटने को कहा था लेकिन एनएफआईएल ने इंकार कर वहां डटे रहे। इजराइल और लेबनान के बीच के एरिया को ब्लू लाइन के नाम से जाना जाता है। इसकी कुल लंबाई 120 किलोमीटर है। ये एक बफर जोन है जहां यूएन फ़ोर्स तैनात है, जो पीसकीपिंग फोर्स है। एनएफआईएल के तहत भारत सहित दुनिया के 50 देशों की सेना के 10 हज़ार से ज़्यादा सैनिक तैनात हैं। इसमें भारत के भी करीब 900 सैनिक हैं। एनएफआईएल ने कहा कि राम्याह में यूएन चौकी पर तैनात पीसकीपर्स ने देखा कि इजरायली डिफेंस फोर्सेस के तीन प्लाटून ब्लू लाइन को पार कर लेबनान में घुस गए। सुबह तड़के साढ़े चार बजे इजरायल के दो मर्कवा टैंकों ने यूएन चौकी के मुख्य गेट को नष्ट कर जबरदस्ती प्रवेश कर लाइट बंद करने को कहा।
वहीं इजरायली डिफेंस फोर्सेस का कहना है कि हम यूएन चौकी को नहीं बल्कि हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना रहे हैं। आईडीएफ ने कहा है कि दक्षिण लेबनान में एनएफआईएल चौकियों के पास हिजबुल्लाह के ठिकाने हैं और पिछले महीनों में वहां से कीरब 25 रॉकेट और मिसाइलें इजरायली समुदाय और इजरायली सैनिकों पर दागी गई। इन हमलों में दो इजरायली सैनिक मारे भी गए।
प्रस्ताव 1701 को लागू करने में विफलता?
आईडीएफ ने कहा कि लेबनान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने प्रस्ताव 1701 को लागू करने में विफलता दिखाई है, जबकि इसे लागू करने के लिए बार-बार अनुरोध किए गए हैं। आईडीएफ ने कहा कि कई सालों से हिज़्बुल्लाह ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का गंभीर उल्लंघन करते हुए दक्षिणी लेबनान बना हुआ है।
क्या है प्रस्ताव 1701
2006 में इजरायल-लेबनान युद्ध को खत्म करने के लिए यूएन का प्रस्ताव 1701 आया था। इसमें इजरायल और हिजबुल्ला के बीच के संघर्ष को पूरी तरह खत्म करने, लेबनान से इजरायली सेना को वापस बुलाने और लेबनान में एनएफआईएल के सैनिकों को तैनात करने का प्रस्ताव था। इसमें दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह को डिसआर्म (बिना हथियारों का) करना शामिल था।