प्रदेश के दो शहर वेटलैंड सिटी के लिए हुए नामांकित
Jan 05, 2024
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक्स पर दी यह जानकारी
भोपाल । समूचे देश से मात्र तीन शहरों को रामसर कन्वेंशन के तहत वेटलैंड सिटी की मान्यता देने के लिए केंद्र सरकार ने नामांकन किया है। इनमें मप्र के दो प्रमुख शहर भोपाल और इंदौर शामिल है। एक शहर राजस्थान का उदयपुर भी शामिल है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक्स पर दी है। कल देर शाम खुशी जाहिर करते हुए श्री यादव ने कहा कि भारत के तीन शहरों- इंदौर, भोपाल और उदयपुर ने रामसर कन्वेंशन के तहत प्रतिष्ठित वेटलैंड सिटी के लिए नामांकन प्रस्तुत किया है। इस योजना का उद्देश्य शहरी और पेरी-शहरी आर्द्रभूमि के संरक्षण और बुद्धिमान उपयोग के साथ-साथ स्थानीय आबादी के लिए स्थायी सामाजिक-आर्थिक लाभ को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि यह उन शहरों के लिए भी एक अवसर प्रदान करेगा, जो अपनी प्राकृतिक या मानव निर्मित आर्द्रभूमि को महत्व देते हैं। इससे लोगों को आर्द्रभूमि के साथ मजबूत सकारात्मक संबंधों को प्रदर्शित करने के अपने प्रयासों के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता और सकारात्मक ब्रांडिंग के अवसर प्राप्त होंगे।
मध्य प्रदेश में चार रामसर साइट हैं। इनमें भोपाल का भोज वेटलैंड, इंदौर का यशवंत सागर और सिरपुर लेक व शिवपुरी की सांख्य सागर झील शामिल है, लेकिन राज्य वेटलैंड प्राधिकरण ने भोपाल और इंदौर का प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा था। किसी न किसी तालाब को वेटलैंड का दर्जा तो पहले मिलता रहा है, लेकिन पहली बार देश के किसी शहर का नाम वेटलैंड सिटी में नामांकन के लिए भेजा गया है। इससे भले ही सीधे तौर पर शहर को आर्थिक लाभ नहीं मिलता, लेकिन यह संबंधित शहर की तालाबों के प्रति संवेदनशीलता का दर्शाता है। यह शहर को एक मान्यता दिलाता है। शहरी विकास और पर्यावरण से संबंधित अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं में प्राथमिकता मिलेगी। वेटलैंड संरक्षण के लिए विशेष योजनाओं का लाभ मिलेगा। तालाबों को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए स्थानीय निकायों की प्रतिबद्धता दिखानी होगी।वेटलैंड सिटी का दर्जा मिलने पर ये होंगे लाभ देश-दुनिया में शहर की एक अलग पहचान बनेगी। पर्यटन को बढ़ावा और शहर की जैव विविधता व पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता प्रदर्शित होगी।