बड़बोले निकले ट्रंप- निर्वासन अभियान में बाइडेन से रह गए पीछे

वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप काम कम बाते ज्यादा कर रहे हैं। उन्होंने चुनाव के दौरान कहा था कि अमेरिका से अवैध प्रवासियों को इतिहास के सबसे बड़े निर्वासन अभियान के तहत बाहर करेंगे। लेकिन सत्ता में लौटने के बाद उनका यह ऑपरेशन उम्मीद के मुताबिक रफ्तार नहीं पकड़ पाया है। 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2025 में ट्रंप प्रशासन ने 37,660 लोगों को देश से बाहर निकाला, जो कि जो बाइडेन के कार्यकाल के अंतिम पूर्ण वर्ष में औसत 57,000 प्रति माह से काफी कम है। हालांकि, ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि आने वाले महीनों में निर्वासन की संख्या में तेजी आएगी, क्योंकि अब गिरफ्तारियों और निष्कासन के नए रास्ते खोले जा रहे हैं।

ट्रंप प्रशासन ने वेनेजुएला के प्रवासियों को ग्वांतानामो बे स्थित अमेरिकी नौसैनिक अड्डे पर भेजना शुरू कर दिया है। जनवरी के अंत में ट्रंप ने घोषणा की थी कि वहां 30,000 प्रवासियों को रखने की योजना बनाई जा रही है, हालांकि मानवाधिकार संगठनों ने इस कदम पर नाराजगी जताई है।

ट्रंप प्रशासन अब उन प्रवासियों को भी निशाने पर ले रहा है जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है लेकिन जिनके खिलाफ अंतिम निर्वासन आदेश जारी हो चुका है। हाल ही में न्याय विभाग ने एक नया निर्देश जारी किया है, जिससे आव्रजन अदालतों के अंदर से ही आईसीई अधिकारियों को गिरफ्तारियां करने की अनुमति मिल गई है। इसके अलावा, अमेरिका ने वेनेजुएला के कुख्यात आपराधिक गिरोह सहित सात अन्य गैंग्स और ड्रग कार्टेल्स को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। इस कदम से इनसे जुड़े प्रवासियों को निर्वासित करना और भी आसान हो जाएगा।

ट्रंप प्रशासन ने अपने पहले तीन हफ्तों में 14,000 से अधिक प्रवासियों को गिरफ्तार किया, जो कि पिछली औसत दर से लगभग दोगुना है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि शुरूआती बढ़त के बावजूद इस अभियान को तेजी से आगे बढ़ाना आसान नहीं होगा। आईसीई के पास इस समय 41,100 प्रवासियों को हिरासत में रखने की क्षमता है, जबकि नए बजट में इसे बढ़ाने पर चर्चा जारी है। 


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