
अब अपने ही देश में घिरे ट्रंप: उनके आदेशों के खिलाफ चौतरफा होने लगे विरोध प्रदर्शन
Feb 07, 2025
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेशों ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। कई देश खुलकर उनके विरोध में आ गए हैं जबकि कुछ देश मौके का इंतजार कर रहे हैं। इसी बीच खबर आ रही है कि उनके अपने देश अमेरिका में भी उनका विरोध हो रहा है। इस तरह अब ट्रंप चौरतफा घिरते नजर आ रहे हैं। अमेरिका के कई शहरों में ट्रंप प्रशासन की नीतियों के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। फिलाडेल्फिया, कैलिफोर्निया, मिनेसोटा, मिशिगन, टेक्सास, विस्कॉन्सिन और इंडियाना समेत कई राज्यों में हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर ट्रंप सरकार के फैसलों का विरोध किया। सोशल मीडिया पर भी जैसे हैशटैग के जरिए विरोध तेज हो गया है। एक दिन में 50 राज्यों में 50 विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया गया है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप की नीतियां अमेरिका की लोकतांत्रिक और सामाजिक संरचना के खिलाफ हैं। इस बीच, स्पेसएक्स और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के ट्रंप प्रशासन के करीब आने को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है। विरोधियों का कहना है कि ट्रंप सरकार अमेरिका की वित्तीय और सुरक्षा जानकारी निजी हाथों में सौंप रही है। कई जगहों पर ट्रंप को मस्क की कठपुतली बताते हुए पोस्टर लगाए गए हैं। ट्रंप प्रशासन के फैसलों का असर न केवल अमेरिका बल्कि दुनिया भर में महसूस किया जा रहा है। हालांकि, ट्रंप समर्थकों का कहना है कि ये कदम अमेरिका को मजबूत बनाने के लिए जरूरी हैं। वहीं, विपक्षी दल और मानवाधिकार संगठनों का दावा है कि ये नीतियां देश में सामाजिक अस्थिरता को बढ़ावा देंगी। विरोध की मूल वजह अवैध प्रवासियों को वापस भेजने, जन्मजात नागरिकता के नियमों में बदलाव और ट्रांसजेंडर अधिकारों को सीमित करने जैसी नीतियां हैं। खासतौर पर गाजा को लेकर दिए गए उनके बयान से अमेरिका और अन्य देशों में नाराजगी देखी जा रही है। ट्रंप प्रशासन द्वारा अवैध प्रवासियों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अमेरिका में जन्म लेने पर मिलने वाली नागरिकता के कानून को भी बदल दिया गया है। ट्रंप सरकार का यह रुख प्रवासी समुदाय में गहरी चिंता का कारण बना हुआ है। ट्रांसजेंडर अधिकारों को वापस लेने के फैसले से भी एलजीबीटीक्यू समुदाय में आक्रोश है। वहीं, गाजा पट्टी को लेकर ट्रंप के कड़े रुख ने कई मानवाधिकार संगठनों को विरोध के लिए सड़कों पर उतरने पर मजबूर कर दिया है।