प्रदेष में सौर ऊर्जा से दौड़ रही 7 राज्यों की ट्रेनें अब केस स्टडी में षामिल

Sep 27, 2024

 भोपाल। प्रदेष के लिये यह एक अच्छी खबर है कि यहां विश्व के सबसे बड़े रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर प्रोजेक्ट को दुनिया की सबसे प्रसिद्ध हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने केस स्टडी के रूप में शामिल गया है। गौर तलब है कि ताप विद्युत पर निर्भरता कम करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए देशभर में नवकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस दिशा में मध्य प्रदेश तेजी से काम कर रहा है। वर्तमान में 6,418 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। दिन में उत्पादित बिजली का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत रीवा में उत्पादित सौर ऊर्जा से दिल्ली मेट्रो का संचालन हो रहा है।

 कौन कौन से ट्रेनें चल रही हैं सौर ऊर्जा से

वर्तमान में सात राज्यों (गोवा, झारखंड, महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा) में ट्रेनें मप्र में उत्पादित सौर उर्जा से दौड़ रही हैं। भारतीय रेल को आगर, शाजापुर और नीमच स्थित 1,500 मेगावाट के सोलर प्लांट से प्रतिदिन 195 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है। इसके लिए 25 वर्ष का अनुबंध किया गया है।मध्य प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा क्षमता 12 वर्ष में 12 गुना वृद्धि हुई है। 2012 में सौर, पवन, बायोमास और लघु जल परियोजनाओं से 491 मेगावाट विद्युत का उत्पादन होता था, जो 2024 में बढ़कर 6,418 मेगावाट हो गया है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सर्वाधिक वृद्धि हुई है। अब स्थापित क्षमता 3,500 मेगावाट हो गई है। दिन में उत्पादित इस ऊर्जा का उपयोग अधिक से अधिक करने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है।

   अगली नजर औद्योगिक इकाइयों पर भी

   औद्योगिक इकाइयों को दिन में खपत बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, तो एक अप्रैल 2025 से घरेलू उपभोक्ताओं को भी दिन में विद्युत की खपत पर ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसके साथ ही अप्रैल 2024 से भारतीय रेल को प्रतिदिन 195 मेगावाट बिजली दी जा रही है। इसका उपयोग वह गोवा, झारखंड, महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में ट्रेनों के संचालन में कर रहा है। इसका लाभ मध्य प्रदेश के साथ-साथ रेलवे को भी हो रहा है।

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