इस दिन है हरछठ का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि, साथ में याद से बनाएं खास चावलों का ये प्रसाद
Sep 05, 2023
हल छठ या हल षष्ठी भाद्रपद के महीने के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को ही मनाई जाती है. इसे कई अलग अलग नामों से भी जाना जाता है जिसमें हलषष्ठी (Hal Shashti) एक नाम है इसके अलावा ललही छठ या फिर ललई छठ भी इसे ही कहते हैं. इस पर्व को भगवान कृष्ण के ज्येष्ठ भाई बलराम (Balram) को समर्पित किया गया है. अपनी संतान की लंबी उम्र की कामना के साथ इस दिन माताएं पूरे मन से पूजन करती हैं. माना जाता है कि जो माताएं इस व्रत को करती हैं उनके पुत्र के जीवन पर आए संकट दूर होते हैं.
भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष के दौरान आने वाली ये तिथि 4 सितंबर 2023 की शाम 4.41 बजे से शुरू होगी और दूसरे दिन यानी कि 5 सितंबर 2023 की दोपहर 3.36 मिनट तक जारी रहेगी.
पूजन के हर खास दिन की तरह इस दिन भी सुबह स्नान और व्रत का खास महत्व है.
इसके बाद गोबर से लीप कर स्थान तैयार करते हैं. जिनका पलाश, झरबेरी से श्रृंगार किया जाता है. इसके बाद पूजन होता है. जिसमें अरहर, गेहूं, जौ, मूंग, मक्का, धान के साथ ही हरी कजरियां, भुने हुए चने जैसी चीजें अर्पित की जाती है.
पूजन के अंत में भैंस के दूध से बने हुए मक्खन को लेकर हवन किया जाता है. साथ ही कथा भी सुनाई जाती है.
प्रसाद रेसिपी
इस पर्व पर टिन्नी के चावल की खिचड़ी का भोग भी लगता है. टिन्नी के चावलों को कई स्थानों पर पसहर के चावल भी कहते हैं. इस खिचड़ी के लिए टिन्नी के चावल को अच्छे से धोना है और भिगो कर रख देना है. एक बर्तन में घी गर्म करके, उसमें जीरा, हरी मिर्च बारीक कटी हुई, दरदरी कुटी काली मिर्च डालकर भूनें और चावलों को डाल दें. चावल को भी थोड़ा भून सकते हैं. ये चावल आम चावलों से जल्दी पक जाते हैं. आप चाहें तो इसमें आलू, शकरकंद, लौकी या गाजर जैसी सब्जियां मिक्स करके भी चावल तैयार कर सकते हैं.