गणपति बप्पा की विदाई का आ गया है वक्त, इस तरह करें गणेश जी का विसर्जन

Ganesh Visarjan Vidhi: विघ्नहर्ता और रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश जी को विदाई देने का वक्त नजदीक आ गया है. 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के साथ शुरू हुआ 10 दिनी गणेश उत्सव का 28 सितंबर (गुरुवार) को गणेश विसर्जन के साथ ही समापन हो जाएगा. गणेशोत्सव के इन दस दिनों के दौरान बप्पा के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के भोग लगाने के साथ नियमपूर्वक उनकी उपासना और पूजा-अर्चना करते हैं. गणेश जी को जिस तरह शुभ मुहूर्त में और विधिपूर्वक घर में स्थापित किया जाता है, उसी तरह गणपति जी का विसर्जन भी किया जाता है.

सही तरीके से लंबोदर की प्रतिमा का विसर्जन करने से सालभर तक गणपति जी की कृपा बनी रहती है और घर में सुख-शांति स्थापित रहती है. इंदौर के रहने वाले पंडित चंद्रभूषण व्यास विधि-विधानपूर्वक गणेश विसर्जन का तरीका बता रहे हैं.

विसर्जन से पहले करें पंचोपचार पूजन
भगवान गणेश को विदाई देने के लिए सबसे पहले स्नान करने के बाद स्वयं तिलक लगाएं. इसके बाद आसन पर बैठें और गं गणपतयै नम: मंत्र का जाप करें. इसके बाद पंचोपचार पूजन यानी धन,अक्षत, पुष्प, घूप और दीप से गणपति बप्पा को नैवेद्य लगाएं. इसके बाद गणेश जी की आरती करें और प्रभु से प्रार्थना करें कि जितने भी पाप हमारे हैं उन सभी पापों का आप शमन करें. प्रभु हमने दस दिन तक आपकी जैसी भी तन,मन से सेवा की है उस सेवा से आप संतुष्ट हो जाएं. रिद्धि सिद्धि सहित पार्थिव गणेश भले ही चले जाएं, लेकिन रिद्धि,सिद्धि और गणेश जी का प्रभाव घर में ही रहे और हम प्रभाव से हीन न हो. इसके बाद गणेश प्रतिमा को स्थान से हिला दें.

गणेश को घर पर ऐसे करें विसर्जित
मिट्टी के गणेश जी को जब विसर्जित किया जाता है तो बहुत से लोग बाल्टी या बर्तन में गणेश जी को विसर्जित करने के बाद मिट्टी और पानी घर के गमले या फिर घर के बगीचे में ही डाल देते हैं. हालांकि इसे लेकर पं. चंद्रभूषण बताते हैं कि ऐसा करना सही नहीं है. कोशिश करें कि गणेश जी का विसर्जन तालाब, नदी, बावड़ी के किनारे ही हो. अगर ऐसा नहीं हो पा रहा है तो पहले घर में किसी बर्तन में मिट्टी के गणेश जी को विसर्जित करें और फिर उसके बाद उस मिट्टी और पानी को घर के आसपास के किसी गार्डन में ले जाकर किसी बड़े पेड़ के






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