बीस साल पुराने मारपीट मामले में तत्कालीन पार्षद बरी
Jan 03, 2025
इन्दौर अपर सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार अग्रवाल की कोर्ट ने बीस साल पुराने मारपीट के मामले में पूर्व पार्षद की क्रिमिनल अपील स्वीकार करते हुए उन्हें बरी कर दिया। प्रकरण में अधीनस्थ कोर्ट ने छह माह की सजा सुनाई थी। प्रकरण बिजली कंपनी के अधिकारी कर्मचारी के साथ मारपीट का था। आरोपी पार्षद आजाद की ओर से एडवोकेट उमेश यादव ने पैरवी की थी कोर्ट ने उनके तर्कों से सहमत होकर अधीनस्थ न्यायालय के निर्णय को अपास्त करते हुए आजाद को धारा 332 के आरोप से दोषमुक्त करार दे दिया। प्रकरण में अभियोजन कहानी इस प्रकार है कि विद्युत मंडल के अन्नपूर्णा जोन पर पदस्थ कनिष्ठ अधिकारी महेश जोग ने पुलिस को लिखित शिकायत की थी कि 9 अक्टूबर 2004 को तत्कालीन पार्षद राजेश आजाद चार-पांच साथियों के साथ आफिस पर दिन में आए और मोबाइल बंद रखने की बात पर उनके साथ मारपीट की। अन्नपूर्णा पुलिस ने केस दर्ज कर चालान कोर्ट में पेश किया था। विचरण न्यायालय ने 15 सितंबर 2022 को आईपीसी की धारा 332 में दोषी पाते हुए आजाद को छह माह के सश्रम कारावास और एक हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। इस निर्णय के विरुद्ध आजाद द्वारा क्रिमिनल अपील दायर की गई। जिस पर सुनवाई करते कोर्ट ने निर्णय सुनाते आजाद को मामले में बरी कर दिया।