मुंबई में बढ़ रही है इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या
Feb 29, 2024
मुंबई, । आजकल बदली हुई जीवनशैली के कारण कई समस्याएं परेशान कर रही हैं। इसे लेकर युवाओं में कई शिकायतें भी देखने को मिलती हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी और गतिहीन जीवनशैली के कारण पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन अधिक आम है। जो लोग इस समस्या से जूझते हैं वे झिझक के कारण किसी से बात नहीं कर पाते हैं। जैसे-जैसे यह समस्या बढ़ती जाती है, मानसिक अस्थिरता बढ़ती जाती है। मुख्य रूप से इसका प्रभाव वैवाहिक जीवन पर भी पड़ता है। मुंबई के एक अस्पताल से चौंकाने वाले आंकड़े के मुताबिक ये बात सामने आई है. एक वेबसाइट में नायर अस्पताल के एंड्रोलॉजी विभाग के डॉ. प्रियांक कोठारी के अनुसार, इरेक्टाइल डिसफंक्शन से पीड़ित 10 में से केवल 2 लोग ही किसी पुरुष की पौरुष क्षमता पर सवाल उठाने से बचने के लिए अपने प्रियजनों या डॉक्टरों के साथ अपनी समस्या साझा कर सकते हैं।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन एक यौन समस्या है। इसमें पुरुष को सेक्स के दौरान इरेक्शन पाने या बनाए रखने में कठिनाई होती है। इस स्थिति को इरेक्टाइल डिसफंक्शन कहा जाता है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन शारीरिक या मनोवैज्ञानिक कारकों के कारण हो सकता है। इसके अलावा, इरेक्शन संबंधी समस्याएं दीर्घकालिक या अल्पकालिक हो सकती हैं।
- क्यों बढ़ रही है युवाओं में इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या ?
आजकल हर किसी की जिंदगी व्यस्त है। तनाव और गतिहीन जीवनशैली के कारण पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन बढ़ रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक पुरुष अपनी परेशानियां किसी से शेयर नहीं करते। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें डर है कि उनकी मर्दानगी पर सवाल उठाया जाएगा। इसी वजह से पुरुष तनाव में रहते हैं और इन सबका नतीजा भावनात्मक और मानसिक अस्थिरता के रूप में सामने आता है। इतना ही नहीं शादीशुदा जिंदगी में भी दरार आ जाती है। नायर हॉस्पिटल के एंड्रोलॉजी डॉक्टर इस समस्या के समाधान के लिए दवाओं और पेनाइल इम्प्लांट के जरिए पुरुषों की मर्दानगी को बचाने का काम करते हैं। यह ओपीडी पिछले 3 साल से नायर अस्पताल में शुरू की गई है।
अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, हर साल लगभग 1,200 पुरुष सेक्स संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए अस्पताल आते हैं। पुरुषों में यौन स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। डॉक्टरों के मुताबिक हर साल ओपीडी में औसतन 500 लोग इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या लेकर आते हैं। इसके अलावा 250 लोग शीघ्रपतन की शिकायत लेकर आते हैं। 150 लोगों में स्पर्म काउंट कम होने की समस्या पाई गई। तो 50 लोगों में शून्य शुक्राणु संख्या है।