सिटी स्केन के नगद पैसों के लिये 2 घंटे तक परेशान होता रहा मरीज और उसके परिजन

Sep 19, 2024

राशि देने के बाद हुआ सिटी स्कैन, रात्रि में मरीजों को हो रही परेशानी

राजधानी स्थित हमीदिया अस्पताल में मरीजों को उपचार के लिए दो चार होना पड़ता है कहने को तो दावे किए जाते है कि शासकीय अस्पतालों में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी पर ये दावे खोखले साबित हो रहे है यही नही एक तरफ सरकार डिजिटल इंडिया की और कदम बढ़ा रही है और ऑनलाइन पेमेंट को बढ़ावा तो दे रही है पर शासकीय अस्पतालों में ऑनलाइन नही केश राशि मांगी जा रही है और इसके लिए मरीज व परिजनों को परेशान भी किया जा रहा है ताजा मामला विगत रात्रि का है जब हमीदिया अस्पताल में भर्ती और इलाज के लिए रोज आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन इस तरफ किसी का ध्यान नहीं है। ताजा मामला बैरागढ़ के एक मरीज का है जिसको सिटी स्केन कराने के लिये यहां पर काम करने वालों ने बेवजह ही परेशान किया। कल रात को यहां पर 40 वर्षीय संजना गोयल को इलाज के दौरान सिटी स्क्रेन के लिये डाक्टर ने लिखा था। लेकिन जब वह वहां पर सिटी स्कैन कराने गई तो उनसे कहा गया कि यहां पर इसके लिये लगने वाला शुल्क ऑन लाइन नहीं लिया जाता है। मरीज और उसके परिजन ऑन लाइन भुगतान करने के लिये तैयार थे लेकिन वहां पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण उनके परिजनों को डेढ़ घंटे तक परेशान होना पड़ा। उसके बाद उनके परिजन रात में ही अपने घर गये और वहां से नगद राशि लेकरआये।

 सवाल यह उठता है कि हमीदिया अस्पताल एक सरकारी अस्पताल है। यहां पर जांच के लिये जो शुल्क निर्धारित है वह नगद ही क्यों है वह भी रात के समय। ऐसे समय अगर ऑन लाइन सुविधा से मरीज भुगतान करना चाहता है तो उसका काम और जल्दी हो जाना चाहिए लेकिन इस तरफ किसी का ध्यान ही नहीं है।

 वैसे भी हमीदिया में  मशीनों के खराब होने के कारण शुगर, यूरिया, सोडियम समेत आरएफटी और एलएफटी जैसी जांचें नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में  अस्पताल में भर्ती और इलाज के लिए रोज आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़त है। पिछले दिनों यहां की  बीए-400 मशीन खराब हो गयी थी। इस मशीन के खराब होने से शुगर, यूरिया, सोडियम समेत आरएफटी और एलएफटी जैसी जांचें नहीं हो पा रही थी।युवा समाजसेवी हरीश केसवानी ने कहा कि राशि ऑनलाइन ली जाती तो मरीज को इंतजार नही करना पड़ता।नगद राशि बैरागढ़ से भेजी गई तब जाकर सिटी स्कैन हो पाया रात्रि में मौजूद स्टॉफ का व्यवहार भी ठीक नही था

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