मेयर ने स्थगित की बैठक नेता विपक्ष देते रहे भाषण

Mar 04, 2025

नई दिल्ली । दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सदन की विशेष बैठक में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। महापौर महेश कुमार खींची ने सदन की कार्यवाही को 10 मार्च तक स्थगित कर दिया। हंगामे के बीच नेता विपक्ष ने अपना वक्तव्य जारी रखा। दिल्ली नगर निगम के हर वर्ष महापौर के लिए चुनाव अप्रैल में होते हैं। चुनाव से पहले निगम के सियासी माहौल गर्मा गया है। दोपहर तीन बजे के बाद शुरू हुई बैठक में नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने वर्ष 2024-25 के संशोधित बजट अनुमान और वर्ष 2025-26 के बजट अनुमानों पर भाषण देना शुरू किया। इस दौरान आप और भाजपा पार्षदों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ देर बाद महापौर महेश कुमार खींची ने सदन की कार्यवाही को 10 मार्च तक स्थगित कर दिया। महापौर अपनी कुर्सी से उठकर चले गए।

साथ ही, आम आदमी पार्टी के पार्षद भी बैठक से बाहर निकल गए। महापौर के जाने के बाद भी, निगम आयुक्त अश्विनी कुमार और निगम के सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी वहीं पर बैठे रहे। बैठक के बाद नेता विपक्ष ने प्रेसवार्ता कर सत्ता पक्ष पर जमकर निशाना साधा। राजा इकबाल सिंह ने आरोप लगाया कि आप पार्षदों ने हाथ से उनके भाषण की कॉपी छीनकर फाड़ दी। निगम में अपनी कमियों को छिपाने के लिए मेरा बजट पर वक्तव्य नहीं सुना। महापौर का बजट जैसे गंभीर विषय पर सदन स्थगित करना निंदनीय है। वह विपक्ष के सकारात्मक सुझावों को सुनना नहीं चाहते हैं। मेरा बजट भाषण पूरा होने से पहले ही सदन की बैठक को स्थगित करना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए सही नहीं है। उन्होंने दावा किया कि हमारे पास सदन में बहुमत का संख्या बल था।

इसके बाद भी हमने नेता प्रतिपक्ष के तौर पर बजट पढ़ा। इस दौरान सत्ता पक्ष के खिलाफ 10 मार्च को प्रस्तावित होने वाली बैठक में अविश्वास प्रस्ताव लाने के सवाल पर नेता विपक्ष ने कहा कि हमने अभी इस पर कोई विचार नहीं किया है। फिलहाल, आम आदमी पार्टी के पास अब सदन चलाने के लिए संख्या बल नहीं है। नेता विपक्ष ने कहा कि महापौर ने निगम के 32 विभागों की निधि को समायोजित कर महापौर निधि बनाकर इसमें 510 करोड़ रुपये शामिल किए हैं। इस महापौर निधि को निगम के सभी 32 विभागों में वितरित किया जाए। दिल्ली में अतिक्रमण के खिलाफ, लावारिस पशुओं और कुत्तों की रोकथाम को लेकर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।


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