विधानसभा के शीतकालीन सत्र में गूंजेगा निगम में पदस्थ प्रतिनियुक्ति पर आए कर्मचारी, अधिकारियों का मामला
Nov 30, 2024
सालों से जमे निगम में प्रतिनियुक्ति पर जमे कर्मचारी,अधिकारियों की होगी विदाई
विधायक आतिफ अकील ने विधानसभा सत्र में पूछा सवाल, किस नियम के तहत जमे है दूसरे विभाग के कर्मचारी
भोपाल नगर निगम में सौ के करीब अधिकारी, कर्मचारी और तकनीकी अमला सालों से जमा हुआ है जिसको लेकर विधानसभा के आगामी सत्र में सवाल पूछा गया है। दरअसल शासन की सामान्य प्रशासन शाखा का नियम है कि प्रतिनियुक्ति के तहत कोई भी अधिकारी कर्मचारी तीन साल तक एक स्थान पर जमा रह सकता है लेकिन सारे नियमों को दरकिनार कर कई कर्मचारी, अधिकारी निगम में एक दशक से भी ज्यादा समय से जमे हुए है इसी को ध्यान में रखकर यह प्रश्र पूछा गया है। उत्तर विधानसभा से विधायक आतिफ अकील ने यह प्रश्र लगाया है। प्रश्र पूछने के पीछे मुख्य मंशा यही है कि शासन के निमयों को दरकिनार कर कोई कर्मचारी, अधिकारी इतने समय तक कैसे टिका रह सकता है। इस प्रश्र को पूछे जाने के बाद निगम में प्रतिनियुक्ति की मलाई खा रहे कई अधिकारियों को अपने स्थानांतरण का डर सता रहा है। सूत्र बताते है कि प्रतिनियुक्ति पर आए कई अधिकारी, कर्मचारी तो अपनी सेवाएं भी निगम में विलय करने की तैयारी में है जबकि निगम की सेवाएं अर्धशासकीय है और अधिकांश कर्मचारी शासन के कर्मचारी है। ऐसे में किसी निकाय के कर्मचारी होने पर श्रेणी बदलाव भी प्रतिनियुक्ति पर जमे अधिकारियों को मंजूर है। यही वजह है कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस बार नगर निगम की प्रतिनियुक्ति का मामला गूंजेगा जहां नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सालों से जमे कर्मचारियों की विदाई संबंधी आश्वासन भी दे सकते है।
इसलिए उठ रहे प्रतिनिुयक्ति के मामले
नगर निगम में प्रतिनियुक्ति पर आए चंचलेश गिरहारे की प्रतिनियुक्ति का अधिकतम समय समाप्त हो गया है इसके बावजूद वे अपने मूल विभाग नहीं लौटे। इसी तरह अन्य कई कर्मचारी यहां सालों से मौजूद है।
साल भर के लिए आए थे 11 साल हो गए
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से तकनीकी अमले के तौर पर पीसी पाट्या एक साल की प्रतिनियुक्ति पर आए थे लेकिन उन्हें निगम में जमे हुए 11 साल हो गए है।पाट्या के पास वर्तमान में स्टोर, अमृ़त परियोजना2 और नर्मदा का प्रभार है।
बगैर प्रतिनियुक्ति के जमे है बीएस साहू
उधर जोनल अधिकारी के तौर पर पदस्थ बीएस साहू को भी निगम में वार्ड प्रभारी और वर्तमान में जोनल अधिकारी के तौर पर काम करते हुए एक दशक से ज्यादा समय हो गया है। वर्तमान में साहू पीएचई की कोलार शाखा में बतौर बड़े बाबू पदस्थ है लेकिन निगम में न तो प्रतिनियुक्ति पर है और न ही निगम के कर्मचारी है। इसके बावजूद तनख्वाह पीएचई से लेते है और निगम में नौकरी कर रहे है। इस पर भी कई सवाल खड़े हुए है कि आखिर किस नियम से बीएस साहू निगम में डटे हुए है।