हाईकोर्ट ने सरकारी बसें चलाने को लेकर किया जवाब तलब

Sep 18, 2024

सरकार से पूछा- दूसरे प्रदेशों की तरह एमपीएसआरटीसी क्यों नहीं चल सकती

भोपाल । मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में प्रदेश में राज्य परिवहन निगम का संचालन दोबारा शुरू करने की मांग करते हुए एक जनहित याचिका दायर हुई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। नोटिस में कहा गया है कि अन्य राज्यों की तरह प्रदेश में एमपीएसआरटीसी क्यों नहीं चल सकती। 

हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका सेंधवा निवासी बीएल जैन ने एडवोकेट अभिषेक तुगनावत के माध्यम से दायर की है। याचिका में कहा है कि जबसे राज्य परिवहन निगम प्रदेश में बंद हुआ है तबसे आम नागरिकों को यात्रा में कठिनाई हो रही है। आने-जाने के साधन नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्रों में माल वाहनों में तीस-चालीस यात्री बैठ कर यात्रा करते हैं। इस कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं। शासन का दायित्व है कि वह नागरिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन जैसी मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए। शासन की अव्यवस्था का परिणाम आज आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है जबकि केरल, महाराष्ट्र में यह व्यवस्था जारी है। केरल में तो हर मार्ग पर लक्जरी बसें चल रही हैं। याचिका में सवाल उठाया है कि जब अन्य प्रदेशों में राज्य परिवहन निगम फायदे में चल रहे हैं तो मप्र राज्य परिवहन निगम को दोबारा शुरू क्यों नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव परिवहन विभाग, प्रबंध संचालक मप्र सड़क परिवहन निगम और केंद्र शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मालूम हो कि मप्र राज्य सड़क परिवहन निगम का गठन 1962 में किया गया था। इसका उद्देश्य यात्रियों को सस्ती एवं सुलभ आवागमन सुविधाएं उपलब्ध कराना और दूरस्थ एवं पिछड़े क्षेत्रों में पर्याप्त बस सेवा उपलब्ध कराना था। लेकिन राज्य सरकार द्वारा साल 2005 में इसे बंद कर दिया गया। 


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