नागपंचमी पर आधी रात को खुले नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट

Aug 10, 2024

नागराज ने भक्तों को साक्षात दिए दर्शन

दर्शन के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, साल में एक बार ही खुलता है मंदिर

युग प्रदेश,बांदरी-मध्य प्रदेश में उज्जैन के बाद बांदरी से 5 किलोमीटर दूर स्थित महाकाल धाम खेजरा  में एक और बाबा महाकाल मंदिर के तीसरे खंड पर स्थित नागचंद्रेश्वर का मंदिर नाग पंचमी की पूर्व रात्रि 12 बजे खुल गया.सबसे पहले मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित हिमांशु तिवारी ने मंदिर में विराजित शेष नाग की साए में विराजित शिव प्रतिमा की त्रिकाल पूजा की वहीं जब सुबह 4 बजे पुजारी भगवान नागचंद्रेश्वर की पूजा अर्चना के लिए गए तो वहां पर साक्षात नागराज ने विकराल रूप में दर्शन दिए और कुछ समय के बाद लुप्त हो गए नागपंचमी पर नागचन्द्रेश्वर के दर्शन के विशेष महत्व को देखते हुए क्षेत्र एवं प्रदेश से आए श्रद्धालु भोर से ही कतार में लग गए पूजा अर्चना के उपरांत आम दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ।

मंदिर के पट साल में एक बार सिर्फ नाग पंचमी पर ही खुलते हैं।मान्यता है कि जो भी भक्त इस मंदिर के दर्शन करता है उसे सर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है। इसी कारण हर साल नागपंचमी पर मंदिर खुलने पर भक्तों की भारी भीड़ यहां उमड़ती है वहीं सावन मास के शुक्ल पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस बार यह 9 अगस्त को मनाया जा रहा है। आज भगवान शिव के आभूषण नाग देव की पूजा की जाती है। महाकाल धाम खेजरा मंदिर निर्माण पुष्य मैं हुआ है। मंदिर की सबसे खास बात है कि इसके कपाट केवल नाग पंचमी के दिन ही खुलते हैं। वही पुजारी हिमांशु तिवारी ने बताया कि सनातन धर्म में सर्प को पूजनीय माना गया है। नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा की जाती है और उन्हें गाय के दूध से स्नान कराया जाता है। माना जाता है कि जो लोग नाग पंचमी के दिन नाग देवता के साथ ही भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक करते हैं, उनके जीवन से कालसर्प दोष खत्म हो जाता है। साथ ही राहू और केतु की अशुभता भी दूर होती है।

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