ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण पर कोर्ट ने कभी रोक नहीं लगायी, सुप्रीम कोर्ट के सामने भाजपा फिर हुई बेनकाब

Feb 15, 2025

पूर्व एवं वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह-मोहन यादव ओबीसी वर्ग से नाक रगड़कर माफी मांगे

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आज अपने एक बयान में कहा कि मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं देकर प्रदेश की भाजपा सरकार सुप्रीम कोर्ट के सामने फिर से बेनकाब हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के पक्ष में कभी कोई रोक नहीं लगाई। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी षड्यंत्रकारी सरकार है जो साम दाम दंड भेद से ओबीसी वर्ग को आरक्षण का लाभ नहीं लेने देना चाहती है। मोहन यादव सरकार और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कूटरचित और घिनौना राजनीतिक षड्यंत्रकारी चेहरा एक बार फिर जनता के सामने आया है। पूरी भाजपा और शिवराज सिंह और मोहन यादव ओबीसी आरक्षण विरोधी सोच पर जनता और पूरे ओबीसी समाज से नाक रगड़कर माफी मांगे।

श्री पटवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण से जुड़ी कुल 75 याचिकाओं पर सुनवाई हुई, मध्य प्रदेश सरकार ने इनमें से 17 याचिकाएं वापस ले ली हैं। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अभय एस ओका ने मप्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि जब मध्य प्रदेश में 27 फीसदी आरक्षण का कानून है तो फिर इसे लागू करने में क्या बाधा है? इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले में न तो हाईकोर्ट में कोई स्टे है और न ही सुप्रीम कोर्ट में। सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर साबित हो गया है कि भाजपा सरकार ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण नहीं देना चाहती है।

श्री पटवारी ने कहा कि जब ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने पर विधायकी में निर्णय ले लिया गया तो फिर भारतीय जनता पार्टी अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए ओबीसी वर्ग को गुमराह क्यों कर रही है। हाई कोर्ट ने भी विधायिका के निर्णय पर सहमति दे दी। लेकिन, कार्यपालिका इसका पालन करने में असमर्थ है। यह सोचा-समझा संवैधानिक संकट इसलिए बना हुआ है, क्योंकि भाजपा ओबीसी वर्ग से झूठ बोल रही है। यही कारण है कि भाजपा की रणनीतियों को ध्यान में रखते हुए बार-बार अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की जाती हैं।  भाजपा कोर्ट में अलग तरह से प्रेजेंटेशन कर रहे थे कि केवल राजनीतिक लाभ लिया जाए और ओबीसी को आरक्षण का लाभ न दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा से पूछा कि किसने कहा कि ओबीसी को आरक्षण मत दो यह कहां किस कोर्ट ने आपको महसूस कराया। भाजपा को जनता से ओबीसी समाज से बात करनी चाहिए। भाजपा कोर्ट में झूठ बोल रही है। भारतीय जनता पार्टी को जनता से ओबीसी समाज से बात करना चाहिए थी।  

श्री पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश के ओबीसी समाज के परिवारजन खासकर ओबीसी के युवा साथी आज सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कहा कि आपको किसने रोका यह शब्द कहां से आए की 27 प्रतिशत आरक्षण रुकना चाहिए यह संदेश है भारतीय जनता पार्टी आपसे जो बात कर रही थी, उनका काम करने का जो तरीका है उनकी सोच दोनों अलग तरह का है, झूठ बोल रहे थे।

श्री पटवारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी बार-बार कहती आ रही है की कमलनाथ जी ने और कांग्रेस ने 27 प्रतिशत आरक्षण दिया, यह समाज के भले के लिए किया गया था और उसे रोकने के लिए किसी ने कोई काम किया तो वह भारतीय जनता पार्टी शिवराज सिंह और मोहन यादव ने किया यह असली चेहरा है भाजपा का और जो बेनकाब हुआ है।

श्री पटवारी ने कहा कि सरकार के वकील के पास भाजपा के लोग खड़े हुये और ओबीसी को लेकर जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि हम संकल्पित हैं राहुल गांधी जातिगत जनगणना की बात करते हैं, गरीब का आकलन करके उसकी पहचान करके उसको खजाने का लाभ मिले उसको नौकरियों में लाभ मिले शिक्षा में लाभ मिले बराबरी से लड़ाई में सरकार उसका सहयोग करें, राजनीति आर्थिक सामाजिक लड़ाई में हम जनता के साथ हैं। शिवराज सिंह, मोहन यादव जी और भारतीय जनता पार्टी को सार्वजनिक माफी मांगना चाहिए। ओबीसी समाज को जो आरक्षण मिला उसे रोकने के लिए अगर किसी ने पाप किया तो कांग्रेस पार्टी लामबंद होकर उसका विरोध करेगी।


Subscribe to our Newsletter