निजी विश्वविद्यालय के 32 वॉइस चांसलर के ऊपर लटकी तलवार

Sep 24, 2024

15 दिन के अंदर कुलगुरुओं को हटाने के निर्देश

भोपाल । मध्य प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा अनुदान के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अनुसार निजी विश्वविद्यालययों में कुलगुरु के रूप में जो नियुक्तियां हुई हैं । उसमें यूजीसी के मापदंडों का पालन नहीं किया गया है। 

 यूजीसी ने मध्य प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग को 15 दिन के अंदर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है। मध्य प्रदेश में इस समय 53 निजी विश्वविद्यालय कार्यरत हैं। इसमें से 32 निजी विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर की नियुक्ति नियमानुसार नहीं की गई है। उच्च शिक्षा अनुदान आयोग के अनुसार वाइस चांसलर के लिए जो अहिर्ता निर्धारित है। उसके अनुसार वाइस चांसलर की नियुक्ति के लिए 10 साल का प्रोफेसर के पद पर कार्य करने का अनुभव जरूरी है। 32 निजी विश्वविद्यालय के जो वाइस चांसलर हैं। उनके पास 10 साल प्रोफेसर के रूप में पढाने का अनुभव नहीं है। कई कुलगुरु तो ऐसे बन गए हैं। जिन्होंने कभी भी प्रोफेसर के पद पर काम नहीं किया। उनका कोई एकेडमिक रिकॉर्ड नहीं है। उन्होंने विश्वविद्यालय खुद बनाया और स्वयं उसके वाइस चांसलर बन गए। 

 यूजीसी ने मध्य प्रदेश में भोपाल के 8 इंदौर के 8 सीहोर के 3 ग्वालियर के 2 विदिशा रायसेन सतना खंडवा शिवपुरी दमोह छिंदवाड़ा मंदसौर बालाघाट सागर के एक-एक निजी विश्वविद्यालय के कुल गुरुओं को हटाने के आदेश दिए हैं। शासन स्तर पर आदेश जारी कर दिए गए हैं। इनका पालन होता है,या नहीं, इसको लेकर उच्च शिक्षा विभाग में संशय की स्थिति बनी हुई है। कई वॉइस चांसलर राजनेताओं के परिवार से जुड़े हुए हैं। नियम पहले भी थे, लेकिन उच्च शिक्षा विभाग ने इसका पालन नहीं किया था। इसका आगे पालन होगा, इसको लेकर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं। 




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