(त्वचा रोग) सोरायसिस

सोरायसिस एक चर्म रोग है। इससे त्वचा पर लाल खुजलीदार पैच बनने लगते हैं। यह खाने की आदतों यह बीमारी एक दुसरे से काफी हद तक संबंधित होती है। कुछ फूड को इस ब मारी में खाने के लिए मना करते हैं। वहीं, ऐसे भी कुछ फूड्स हैं जो इसे शरीर के बाकी हिस्सों में फैलने से रोकते हैं।


सोरायसिस(त्वचा रोग )

एक सामान्य चर्म रोग है। यह बीमारी जीर्ण होने के साथ ही लाइलाज भी है। हालांकि कुछ उपचार विकल्पों की मदद से इसके सोरायसिस के लक्षणों को कम किया जा सकता है। यह बीमारी कुछ हफ्तों, महिनों तक रहने के बाद कुछ समय के लिए ठीक होकर वापस लौट सकती है। सोरायसिस एक ओवरएक्टिव इम्युन सिस्टम की बीमारी है। लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव के साथ इस बीमारी कोप्रबंधन करना लाभकारी होता हैं कुछ आदतें इस सोरायसिस को ट्रिगर बढ़ाने का काम करता है

प्रकार

सोरायसिस 6 तरह से हो सकता है जिसमें प्लाक सोरायसिस सबसे आम है। इसके अलावा नेल सोरायसिस, गुटेट सोरायसिस, इंवर्स सोरायसिस, पुस्तुलर सोरायसिस, एरिथ्रोडार्मिक सोरायसिस होता है।


लक्षण

त्वचा में सूजन

लाल धब्बेदार त्वचा

दर्दनाक और खुजलीदार स्किन

त्वचा में दरार पड़ना जिससे खून भी आ सकता है

नाखूनों और पैर की उंगलियों के रंग में बदलाव

नाखून का उखड़ना

सिर पर स्केल्स और धब्बे या पपड़ी

चेरी है फायदेमंद

विटामिन सी से भरपूर फूड सोरायसिस में बहुत फायदेमंद होते हैं। सोरायसिस से ग्रसित हैं तो बेरी का सेवन करें। बेरी में विटामिन सी के अलावा सूजन कम करने वाले तत्व भी मौजूद होते हैं।

प्याज

प्याज एक नेचुरल एंटीबायोटिक की तरह काम करता है। जो इम्युनिटी सिस्टम को बूस्ट करके सोरायसिस को कंट्रोल रखता है। यह आंत्र  के सेहतमंद बैक्टीरियों को प्रमोट करने का भी काम करता है।

अखरोट

अखरोट को सोरायसिस के मरीजों के लिए फायदेमंद माना जाता है।  इसमें ओमेगा-3 अच्छी मात्रा में मौजूद होता है जो सूजन को कम करने का काम करता है। इसके अलावा अखरोट सोरायसिस के दुसरे लक्षणों को भी कंट्रोल करता है।

हल्दी

हल्दी में एंटी ऑक्सीडेंट होता है जो सूजन को कम तो नहीं करता, लेकिन यह सोरायसिस से हुए डैमेज को ठीक करने में बहुत कारगर होता है।

इन फूड्स का सोरायसिस में करें सेवन

आप सोरायसिस से ग्रसित हैं तो ब्लू बैरी, ऑलिव ऑयल,  आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। साथ ही डेयरी प्रोडक्ट्स, शराब, तले फूड का सेवन सोरायसिस को गंभीर बनाता है इसलिए इससे परहेज रखें।

आयुर्वेदानुसार -

करंज तेल --स्थानिक प्रयोगार्थ, किट्टीभरी मलहम, आरग्वधादि उद्वर्तना, पंचतिक्त घृत गुग्गलु ,महामंजिष्ठादि कवाथ, सिद्धमा हर लेप, आरोग्यवर्धिनी वटी।



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