
टेंट नहीं ताबूत जैसे हालात: बच्चे बिलख रहे, महिलाएं कराह रहीं और दुनिया बनी तमाशबीन
Dec 06, 2024
अलेप्पो । अलेप्पो और तेल रिफात में विद्रोहियों के कहर से लोग दर-बदर हो चुके हैं। जानमाल का व्यापक पैमाने पर नुकसान हुआ है। आर्थिक तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। खासकर कुर्द समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया है। हजारों की तादाद में विस्थापित और बेबस लोगों के लिए रक्का के तबका सिटी में अस्थाई कैंप बनाए गए हैं। यहां पर लोगों को शरण लेना पड़ा है। अलेप्पो और तेल रफात से अपने घरों से निकले लोग यहां शरण ले रहे हैं। इनमें महिलाओं और बच्चों की हालत काफी खराब है।
सीरियाई सरकार अलेप्पो को फिर से हासिल करने में जुटी है। दूसरी तरफ, विद्रोही भी इस शहर पर कब्जा को बरकरार रखने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। इन सबके बीच सीरिया के अलेप्पो शहर में हिंसा का भीषण दौर चल रहा है। दो तरफा हिंसक झड़प में सबसे बुरी हालत क्षेत्र की महिलाओं और बच्चों की है। उन्हें अपना घरबार छोड़कर टेंट में रहने को मजबूर होना पड़ा है। भोजन से लेकर अन्य जरूरी सुविधाओं का अभाव होने की वजह से हालात और बदतर हो चुकी हैं। इसके बावजूद स्थिति को सुधारने में किसी की दिलचस्पी नहीं दिख रही है। संयुक्त राष्ट्र के प्रयास भी नाकाफी साबित हो रहे हैं।
विद्रोहियों के हमले से कुर्द समुदाय के हजारों परिवारों को मजबूरन विस्थापित होना पड़ा है। बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों को अस्थाई कैंप में दिन गुजारना पड़ रहा है। कड़कड़ाती ठंड में जरूरी सुविधाएं न होने की वजह से उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इन टेंट में बच्चों का बचपन दम तोड़ रहा है तो बेबस महिलाओं की कराह से आसमान का सीना भी फट जा रहा है। उनके दुख-दर्द की न तो कहीं सुनवाई हो रही है, न ही दलदल से उन्हें निकालने का कोई मुकम्मल प्रयास किया जा रहा है। सीरियाई सरकार विद्रोहियों के सामने पस्त है। अलेप्पो आर्थिक तौर पर समृद्ध श्हर है, ऐसे में इसे फिर से हासिल करने के लिए स्थानीय सरकार की तरफ से भी कोशिश की जा रही है।