मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन की चयन प्रक्रिया जारी

Mar 09, 2024

राज्य सरकार ने मप्र हाईकोर्ट को दी यह जानकारी 

 भोपाल। मध्यप्रदेश में मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन की चयन प्रक्रिया जारी है। यह 

जानकारी मप्र हाईकोर्ट को राज्य सरकार की ओर से दी गई है। हाई कोर्ट के पूर्व निर्देश के पालन में राज्य शासन की ओर से यह भी अवगत कराया गया कि मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार का निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम-2013 के संबंध में की गई कार्यवाही के संबंध में भी स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने उक्त जवाब को रिकार्ड पर लेकर मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित कर दी। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर के बिरला नगर में सीवर चैम्बर की सफाई के दौरान जहरीली गैस के रिसाव होने से दो श्रमिकों की मौत के मामले को हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया था। मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में की जा रही है। संज्ञान याचिका में कहा गया था कि यह एक दिल दहलाने वाली घटना है। सीवर चैंबर साफ करने गये दो मजदूर जहरीली गैस के रिसाव की चपेट में आ गये थे। बचाव के प्रयास के बावजूद भी मदद पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गई। इसी तरह की घटनाएं प्रदेश में कई जगहों पर हुई हैं। गरीब श्रमिकों को गटर या सीवर लाइन में प्रवेश करने के लिए भेजते समय उचित उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं। इस बात पर जोर देने की जरूरत नहीं है कि ऐसे कार्यकर्ता समाज के निचले तबके से आते हैं।

सुनवाई के दौरान कोर्ट-मित्र अधिवक्ता आकाश चौधरी की तरफ से युगलपीठ को बताया गया था कि मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार का निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम 2013 के तहत सरकार को विभिन्न कमेटी का गठन करना था। एक्ट के परिपालन के लिए कमेटी की समय-समय पर बैठक आयोजित होगी।हाई कोर्ट ने पाया कि कुछ ही कमेटी का गठन किया गया है। युगलपीठ ने याचिका में राज्य मानव अधिकार आयोग को अनावेदक बनाते हुए ऐसे कितने मामलों में उनकी ओर से संज्ञान लिया गया है, इस संबंध में हलफनामा पेश करने निर्देश जारी किये थे। मामले की पिछली सुनवाई पर आयोग के रजिस्ट्रार ने उपस्थित होकर बताया था कि विगत छह माह से आयोग में अध्यक्ष का पद रिक्त है। जिस पर हाई कोर्ट ने जवाब-तलब किया था। 


Subscribe to our Newsletter