चार साल से लटके राज्यसेवा परीक्षा-2019 के परिणाम घोषित रातों-रात जारी किए परिणामों से अभ्यर्थी भी हैरान
Des 27, 2023
भोपाल । राज्यसेवा परीक्षा-2019 का अंतिम परिणाम और चयन सूची देर रात जारी कर दी गई। चार साल से लटके परिणाम और चयन सूची के अचानक जारी होने से अभ्यर्थी भी हैरान है। मप्र लोकसेवा आयोग(पीएससी) द्वारा रातों-रात परिणाम एवं चयन सूची जारी कर दी है। कुल 571 पदों के लिए राज्यसेवा-2019 घोषित हुई थी। ताजा परिणाम में इन पदों के मुकाबले सिर्फ 87 प्रतिशत पदों के लिए परिणाम और चयन सूची घोषित की गई है। इस तरह पीएससी ने सिर्फ 472 पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की है।पीएससी द्वारा घोषित नतीजों में कुल 24 डिप्टी कलेक्टर, 19 डीएसपी, 17 कोषालय अधिकारी समेत वाणिज्यिककर अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी, जिला पंजीयक जैसे पदों के लिए चयन सूची घोषित की है।
इन तमाम पदों के लिए 87 प्रतिशत के अनुपात में ही चयन सूची जारी की गई है। शेष 13 प्रतिशत अभ्यर्थियों के नाम होल्ड पर रख दिए गए हैं। 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर कोर्ट का निर्णय आने के बाद ही शेष 13 प्रतिशत पदों के लिए परिणाम आएंगे। सिर्फ अधूरा रिजल्ट ही नहीं बल्कि राज्यसेवा-2019 के साथ एक अनोखा संयोग और विवाद भी जुड़ गया है। यह अकेली चयन प्रक्रिया है जिसमें दो अलग-अलग मुख्य परीक्षाएं ली गई और उस आधार पर एक रिजल्ट जारी किया गया।
इससे पहले पीएससी मुख्य परीक्षा का रिजल्ट दो बार बदल चुका है। साथ ही इंटरव्यू में चयनित उम्मीदवारों की सूची भी बदली गई है। चयन प्रक्रिया को लेकर कोर्ट में प्रकरण लंबित है। बीते दिनों तक हाई कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश के जरिए 389 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में शामिल करने का आदेश दिया था। यह आदेश अगस्त में आया था। पीएससी इसके खिलाफ फिर कोर्ट में गया। पीएससी ने कहा कोर्ट ने पुराने आदेश को रद कर दिया। इसके बाद पीएससी ने विधिक राय की प्रक्रिया की। तुरत-फुरत में मंगलवार रात 11 बजे बाद रिजल्ट को पीएससी की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया। मालूम हो कि इसी चयन प्रक्रिया और एक चयन के लिए अलग-अलग परीक्षाएं लेने व नार्मलाइजेशन के फार्मूले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिकाएं लग चुकी है।