लिवर सिरोसिस का बचाव संभव हैं आयुर्वेद से भी

लिवर में होने वाला सिरोसिस एक जानलेवा बीमारी है। इसमें लिवर फेल होने से लेकर मौत होने का जोखिम होता है। हालांकि कुछ तरह की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से इसके गंभीर परिणामों को कम करने में मदद मिल सकती है।

लिवर सिरोसिस एक घातक बीमारी है। इसमे लिवर धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है। जिसकी वजह से लिवर ट्रांसप्लांट करना ही इसका एकमात्र उपचार रह जाता है। इस बीमारी का खतरा हेपेटाइटिस वायरस के इंफेक्शन, शराब के अत्यधिक सेवन और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के कारण होता है।

भारत में हर साल ७ -८  लाख लोग इस बीमारी के चपेट में आते हैं। हालांकि लिवर सिरोसिस एक लाइलाज बीमारी है, लेकिन दवा और उपचार की मदद से इसके गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है। इसके लिए आप आयुर्वेदिक हर्ब की भी मदद ले सकते हैं।

लिवर सिरोसिस की पहचान क्या है?

यह बीमारी होने पर पेट में दाहिने ओर दर्द, उल्टी, लिवर का बढ़ना, पीलिया, कमजोरी, जोड़ों में दर्द, बुखार, पेट में पानी भरना,मतली जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

एलोवेरा+आंवला जूस

सिरोसिस से लिवर के डैमेज को कंट्रोल करने के लिए एलोवेरा और आंवला का जूस फायदेमंद साबित हो सकता है। ऐसे में एक्सपर्ट रोज सुबह खाली पेट ५ -५ ml एलोवेरा और आंवले के जूस को मिलाकर पीने की सलाह देते हैं।

त्रिफला

त्रिफला आयुर्वेद कि एक शक्तिशाली जड़ी-बूटी है। इसके औषधीय गुण लिवर के लिए फायदेमंद होते हैं। रोज रात में एक गिलास पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला का सेवन लिवर डैमेज को कम करने का काम करता है।

अर्जुन की छाल

अर्जुन एक प्रकार का आयुर्वेदिक गुणों से भरा पेड़ है। इसकी छाल का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों को ठीक करने के लिए सालों से किया जा रहा।रोज सुबह और रात में आधा गिलास इसका काढ़ा पीने से लिवर डैमेज को कम करने में मदद मिल सकती है।

तुलसी

तुलसी के पत्तों में हेपाटो प्रोटेक्टिव गुण होता है, जो लिवर को डैमेज होने से बचाता है। ऐसे में एक्सपर्ट तुलसी के पत्तों या जूस को लिवर सिरोसिस में पीने की सलाह देते हैं।

केवल लक्षण के आधार पर यह बता पाना कि लिवर सिरोसिस है या नहीं संभव नहीं है। क्योंकि ऊपर बताए गए संकेत किसी दूसरे कारणों से भी हो सकते हैं। ऐसे में एक्सपर्ट ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, सीटी स्कैन, यूएसजी कराने की सलाह देते हैं।जाँच के निर्णय के आधार पर चिकित्सा में तत्परता जरुरी हैं।


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