दिल्ली में पेट्रोल पंप पर नहीं बनेगा पल्यूशन सर्टिफिकेट

Jul 17, 2024

नई दिल्ली। दिल्ली में पेट्रोल पंप पर पीयूसी सर्टिफिकेशन सेंटर्स के बंद हो जाने के कारण लोगों को भारी परेशानी हो रही है। पेट्रोल पंप मालिकों ने दिल्ली के सभी 400 पेट्रोल पंप पर पीयूसी केंद्र को बंद कर दिया है, क्योंकि 13 साल बाद भी दरों में केवल मामूली बढ़ोतरी की घोषणा सरकार द्वारा की गई है। अब दिल्ली पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि लगातार घाटे में वो पीयूसी केंद्र नहीं चला सकते। वहीं दूसरी तरफ ये हजारों लोगों के लिए नया संकट खड़ा हो गया है। यदि आप दिल्ली में वाहन चलाते हैं और आपके वाहन का पीयूसी एक्सपायर हो रहा है तो सावधान हो जाएं, क्योंकि दिल्ली के सभी पेट्रोल पंप पर प्रदूषण जांच का काम ठप हो गया है। अब ऐसे में बिना सर्टिफिकेट यदि सड़क पर वाहन लेकर निकले तो 10 हजार तक के चालान और तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड होने का खतरा है।

ऐसा हुआ है सरकार के उस निर्णय के बाद, जिसमें उन्होंने पीयूसी सर्टिफिकेशन के दर में 20 से 40 रुपए की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया। बतौर पंप संचालक एक पेट्रोल पंप पर औसतन 30-35 गाड़ियां रोजाना प्रदूषण जांच के लिए आती हैं। ऐसे में दो दिनों में ही दिल्ली में हजारों गाड़ियां ऐसी हैं, जिनके पास प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट नहीं है, लेकिन उनके पास कोई उपाय नहीं दिख रहा। पेट्रोल पंप पर सर्टिफिकेट के लिए पहुंच रहे, लेकिन वह निराश वापस लौट रहे हैं। दिल्ली पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के कॉल पर इन केंद्रों को सरकार के निर्णय के विरोध में बंद किया गया है। डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि लंबे समय से वो बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। उन्हें ७५ प्रतिशत तक बढ़ोतरी और किराया माफी का आश्वासन परिवहन विभाग की ओर से दिया गया था। परिवहन मंत्री के साथ भी उनकी कई बैठक हुई।

उन्होंने कई पत्र भी लिखे, लेकिन निर्णय केवल 35 प्रतिशत बढ़ोतरी का लिया गया, जो उनके लिए घाटे का सौदा है। 13 साल बाद महंगाई कई गुना बढ़ी, लेकिन उसके सामने 20-40 रुपए की बढ़ोतरी बहुत कम है। विवेक बनर्जी दिल्ली के हौज खास इलाके में पेट्रोल पंप के मालिक हैं। इनके पंप से ही सुबह से 40 वाहन प्रदूषण जांच के बिना बैरंग लौट चुके हैं। वहीं दिल्ली के परिवहन मंत्री का कहना है कि इस समस्या को जल्द सुलझा लिया जाएगा, लेकिन फिलहाल यह समस्या सुलझती नहीं दिख रही। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि हमने डीलर्स की मांग पर पीयूसी चार्जेज बढ़ाए हैं। 13 साल बाद बढ़ोतरी की गई। हम डिलर्स से बात कर रहे हैं। कई राज्य ऐसे हैं, जिनमें पीयूसी चार्ज दिल्ली से कम हैं।

दक्षिणी दिल्ली के ही एक अन्य पेट्रोल पंप पर पीयूसी ऑपरेटर ने बताया कि 35 गाड़ियों को वह सुबह से वापस लौटा चुके हैं, क्योंकि हड़ताल चल रही है। दिल्ली में बिना पीयूसी सर्टिफिकेट वाहन चलाना मतलब 10 हजार का चालान और तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड होने का खतरा है। अब सवाल है कि जब हजारों वाहन बिना पीयूसी सर्टिफिकेट के चल रहे हैं। ऐसे में चालान की संख्या भी बढ़ेगी या सरकार हड़ताल खत्म होने तक रियायत देगी? आज परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीट कर लोगों से दिल्ली सरकार के प्रदूषण जांच केंद्र पर जाकर पीयूसी लेने की बात कही, लेकिन पेट्रोल पंप पर पीयूसी बंदी एक बड़ी समस्या है, जिसके बाद लोगों के लिए ये मुश्किल काम हो जाएगा कि वो दिल्ली सरकार के प्रदूषण जांच केंद्र या डीटीसी डिपो पर स्थित केंद्रों पर पहुंचें।


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