जल-स्त्रोतों के आस-पास वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया जाए - मुख्यमंत्री डॉ. यादव
Jun 07, 2024
‘‘जल-गंगा संवर्धन अभियान’’ में 5 करोड़ 50 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने भोपाल के छोटे तालाब की साफ-सफाई के लिए किया
श्रमदान, जल-गंगा संवर्धन अभियान में नगरीय निकाय सक्रिय
नर्मदा नदी की पवित्रता एवं दिव्यता बनाये रखना आवश्यक - मंत्री विजयवर्गीय
जलसंरचनाओं के संवर्धन हेतु नागरिकों का सहयोग अपेक्षित - महापौर श्रीमती राय
भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि 5 जून से प्रदेश में आरंभ ‘‘जल गंगा संवर्धन अभियान’’ में जल-स्त्रोतों के संरक्षण और साफ-सफाई के साथ-साथ इन स्थानों पर वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया जाए। प्रदेश में अभियान अवधि में 5 करोड़ 50 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य है, संपूर्ण प्रदेश में जन भागीदारी से पौधे लगाए जाएंगे और जल-गंगा संवर्धन अभियान, गंगा दशमी के बाद भी जारी रहेगा, सभी स्थानीय निकाय अपने-अपने स्तर पर अभियान संबंधी गतिविधियां संचालित करेंगे। हरियाली अमावस्या के बाद सघन रूप से पौधरोपण की गतिविधियां संचालित की जाएंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह विचार जल स्त्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए चलाये जा रहे ‘‘जल-गंगा संवर्धन अभियान’’ के दूसरे दिन भोपाल के छोटे तालाब की स्वच्छता के लिए श्रमदान अवसर पर उपस्थितजन को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों की जल संरचनाओं की साफ-सफाई व संरक्षण हेतु नगरीय निकाय नागरिकों के सहयोग से गतिविधियां संचालित करेंगे।
‘‘जल गंगा संवर्धन अभियान’’ के तहत नगर निगम, भोपाल द्वारा आयोजित उक्त कार्यक्रम में महापौर श्रीमती मालती राय ने कहा कि भोपाल में 12 तालाबों के किनारे योजनाबद्ध तरीके से जल संरचनाओं के संरक्षण हेतु 16 जून तक 08ः00 से 10ः00 तक आम नागरिक, जनप्रतिनिधि व नगर निगम के अधिकारी/कर्मचारी श्रमदान करेंगे और मुख्यमंत्री जी की घोषणा का अक्षरशः पालन करते हुए प्रदेश को स्वच्छता का संदेश देंगे। श्रीमती राय ने कहा कि भोपाल के चिन्हित 54 कुओं एवं 42 बावड़ियों सहित अन्य जल संरचनाओं के संरक्षण हेतु आमजन का सहयोग अपेक्षित है।
कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, सांसद आलोक शर्मा, विधायकद्वय रामेश्वर शर्मा व भगवानदास सबनानी, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास भरत यादव, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, निगम आयुक्त हरेन्द्र नारायन सहित महापौर परिषद के सदस्यगण, पार्षदगण व अन्य जनप्रतिनिधि तथा पर्यावरण मित्र एन.सी.सी. केडेट्स व गणमान्य नागरिक तथा नगर निगम के अधिकारी/कर्मचारी बड़ी संख्या में मौजूद थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल में छोटे तालाब की साफ-सफाई के लिए नगर निगम भोपाल द्वारा जन-भागीदारी से चलाए जा रहे अभियान की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश में वॉटर स्पोर्ट्स को प्रोत्साहित किया जाएगा और भोपाल के साथ-साथ इंदौर और उज्जैन में भी वॉटर स्पोर्ट्स की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, एशियन गेम में तो हम पदक जीत चुके है अगले ओलंपिक में पदक लाना हमारा लक्ष्य होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में नदी, पर्वत और पृथ्वी में जीवन माना गया है। मध्यप्रदेश देश की नदियों का केन्द्र बिन्दु है, यहाँ से सभी दिशाओं में बहने वाली नदियों की उत्पत्ति होती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई के नदी जोड़ो अभियान की संकल्पना को मूर्तरूप देते हुए केन-बेतवा लिंक परियोजना को स्वीकृति प्रदान कर राज्य सरकार को 45 हजार करोड़ तथा उत्तरप्रदेश सरकार को 45 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराये हैं। इस परियोजना से शूरवीरों की धरती बुंदेलखंड को सिंचाई की सुविधा मिलेगी और वहाँ जीवन सरल होगा। इसी प्रकार प्रधानमंत्री मोदी ने पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना को भी स्वीकृति प्रदान की है। इसके लिए सभी प्रदेशवासी उनके आभारी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल सबको अपने में समाहित करने वाली संस्कृति का शहर है। गत साठ-सत्तर वर्ष में देश के विभिन्न भागों से यहां आये लोगों ने भोपाल को राजधानी का स्वरूप दिया और विभिन्न भागों से आईं धाराएं यहाँ समाहित हुईं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा नदी की पवित्रता और दिव्यता बनाए रखना जरूरी है। प्रदेश के जिन नगरीय निकायों की गंदगी नर्मदा नदी में जा रही है उसे एक साल के अंदर बंद करने के निर्देश जारी किए गए हैं। विजयवर्गीय ने कहा कि नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के उद्देश्य से नर्मदा नदी के दोनों ओर दो-दो किलोमीटर क्षेत्र तक के किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया। मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि नागरिक क्षेत्र में जो भी कुंआ-तालाब-बावड़ी आदि जलस्रोत हैं, उनकी साफ-सफाई व संरक्षण के लिए नगरीय निकाय, स्थानीय जनता के सहयोग से गतिविधियां संचालित करेंगे।
महापौर श्रीमती मालती राय ने कहा कि अभियान के अंतर्गत भोपाल के 12 तालाबों/झीलों के किनारों पर प्रातः 8 से 10 बजे तक स्थानीय निवासियों, जनप्रतिनिधियों और नगर निगम के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा जलस्त्रोतों में स्वच्छता गतिविधियां संचालित की जाकर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी की घोषणा का अक्षरशः पालन किया जाएगा और जलसंरचनाओं के संरक्षण का संदेश पूरे प्रदेश में दिया जाएगा। इसी प्रकार भोपाल के 54 कुंओं और 42 बावड़ियों में भी जनसहयोग से स्वच्छता और उनके संरक्षण के लिए कार्य होगा। इन जलस्त्रोतों की स्वच्छता एवं संरक्षण के उपरांत इनके पानी का पेड़-पौधों की सिंचाई आदि में समुचित उपयोग भी किया जाएगा। महापौर श्रीमती राय ने कहा कि जलस्त्रोतों के बेहतर रख-रखाव से भोपाल के सौंदर्यीकरण में भी वृद्धि होगी। महापौर श्रीमती राय ने कहा कि जल संरचनाओं के संरक्षण, संवर्धन में शहर के नागरिकों का सहयोग अपेक्षित है।
कार्यक्रम के अंत में निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने अतिथियों एवं अन्य उपस्थित जनप्रतिनिधियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
इसके उपरांत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित अन्य अतिथियों व पर्यावरण प्रेमियों, गणमान्य नागरिकों, अधिकारियों/कर्मचारियों ने राजभवन के निकट पुराने मछली घर के सामने स्थित जलक्रीड़ा केन्द्र क्षेत्र में छोटी झील की स्वच्छता हेतु श्रमदान किया।