पाकिस्तान-चीन चलाएंगे सैन्य अभियान, बलूचों को निशाना बनाने की तैयारी?

-पिछले कुछ महीने में बलूचों ने चीन के खिलाफ कई खूनी हमले किए

इस्‍लामाबाद,। पाकिस्‍तानी पीएम शहबाज शरीफ ने बलूचों के खिलाफ बड़ा सैन्‍य अभ्‍यास चलाने का ऐलान किया है। शहबाज ने कहा कि बलूचिस्‍तान और खैबर पख्‍तूनख्‍वा में आतंकवादी हमले बढ़ रहे हैं। आतंकवादियों के खात्‍मे के लिए निर्णायक कार्रवाई की जाएगी ताकि पाकिस्‍तान में शांति और प्रगति को सुनिश्चित किया जा सके। चीन लंबे समय से पाकिस्‍तान से कहता रहा है कि वह बलूचों और टीटीपी के खिलाफ बड़ा सैन्‍य अभियान चलाए। पिछले कुछ महीने में बलूचों ने चीन के खिलाफ कई खूनी हमले किए हैं जिसमें कई चीनी इंजीनियर मारे गए हैं। इससे बौखलाए चीन ने सेना भेजने के लिए पाकिस्‍तान पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। चीन के सैनिक अभ्‍यास के नाम पर अब पाकिस्‍तान आ रहे हैं।

शहबाज शरीफ ने एक बैठक में सुरक्षा हालात पर चर्चा की गई। शहबाज ने आतंकवाद को बड़ी चुनौती बताया और कहा कि आतंकियों को कुचलना देश की स्थिरता के लिए जरूरी है। शहबाज शरीफ ने बलूचिस्‍तान में सक्रिय विद्रोही गुटों जैसे माजिद ब्रिगेड, बीएल, बीएलएफ आदि के खिलाफ व्‍यापक सैन्‍य अभियान शुरू करने को मंजूरी दे दी। उन्‍होंने कहा कि ये गुट विदेशी ताकतों की मदद से आम नागरिकों और विदेशियों को निशाना बना रहे हैं जिससे पाकिस्‍तान के आर्थिक विकास पर असर पड़ रहा है।

पाकिस्‍तान में इमरान खान की पार्टी खैबर प्रांत में किसी भी सैन्‍य अभियान का कड़ा विरोध कर रही है। खैबर प्रांत के सीएम ने तो खुलकर इसके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। अगर पाकिस्‍तानी सेना इस अभियान को शुरू करती है तो उसे भारी विरोध का सामना करना पड़ेगा। माना जा रहा है कि चीन को खुश करने के लिए शहबाज ने इस सैन्‍य अभियान का ऐलान किया है।

शहबाज ने यह ऐलान ठीक उसी दिन किया जब चीन की सेना ने कहा कि वह पाकिस्‍तान जा रही है। चीन का दावा है कि वह पाकिस्‍तानी सेना के साथ नवंबर से दिसंबर के बीच एक संयुक्‍त सैन्‍य अभ्यास चलाएगी। चीनी सेना पीएलए के पश्चिमी थिएटर कमांड के सैनिक पाकिस्‍तान जाएंगे और वारियर 3 संयुक्‍त आतंकवाद निरोधक अभ्‍यास में भाग लेंगे। इस अभ्‍यास में आतंकवादियों के खात्‍मे और हमला करने का अभ्‍यास किया जाएगा। 

माना जा रहा है कि इस अभ्‍यास के नाम पर बलूचों को निशाना बनाया जा सकता है। पाकिस्‍तानी सेना लगातार चीनी नागरिकों पर हो रहे हमले को रोकने में नाकाम रही है और इससे चीन बौखलाया है। बलूचों ने साफ कह दिया है कि वे चीन और पाकिस्‍तान के सीपीईसी प्राजेक्‍ट को आगे नहीं बढ़ने देंगे।




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