प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारी भी प्रदर्शन की राह पर
Okt 03, 2024
- जल सत्याग्रह से पहले कर्मचारियों को ले गई पुलिस
भोपाल। प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारी बुधवार को भोपाल में जल सत्याग्रह करने वाले थे, लेकिन इससे पहले पुलिस 5-6 कर्मचारियों को गाड़ी में बैठाकर ले गई। इनका कहना था कि सीएम हाउस में मांगों का ज्ञापन देने जा रहे हैं। दूसरी ओर, पुलिस ने शीतलदास की बगिया में प्रदर्शन करने की परमिशन नहीं दी। इसलिए नीलम पार्क में चंद कर्मचारी ही जुटे थे। वे 21 हजार रुपए न्यूनतम वेतन देने समेत 7 मांगों को लेकर यह प्रदर्शन करने वाले थे। एमपी में 12 हजार से अधिक कर्मचारी हैं।
इससे पहले एनएचएम संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ नेतृत्व में यह प्रदर्शन किया जाना प्रस्तावित था। सुबह 11 बजे से नीलम पार्क में कर्मचारी जुटने भी शुरू हो गए थे। संघ के प्रदेश अध्यक्ष कोमल सिंह ने बताया, प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आउटसोर्स कर्मचारी कई साल से सेवा दे रहे हैं, लेकिन 12 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी सरकार की दोहरी नीति और शोषण प्रथा के शिकार हो गए हैं। इसलिए बुधवार को भोपाल में प्रदर्शन किया जाएगा।
इससे पहले सुबह पुलिस का मैसेज कर्मचारियों तक पहुंचा कि आपकी अनुमतियां निरस्त कर दी गई हैं। आपको यदि नीलम पार्क पर कार्यक्रम करना हो तो मैसेज करें। शीतलदास की बगिया पर जाने पर आपके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद कर्मचारी नीलम पार्क में ही जुटने लगे। प्रदेश अध्यक्ष सिंह ने बताया, हमने 15 दिन पहले ही प्रमुख मांगों को लेकर गांधीवादी तरीके से जल सत्याग्रह करने के लिए परमिशन मांगी थी, जो कल देर रात निरस्त कर दी गई। यह कर्मचारियों के अधिकारों का हनन है। आउटसोर्स कर्मचारी लंबे समय से मांगों को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे हैं। हमें दबाया जा रहा है। हमारी जायज मांगें हैं।
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