मोहन यादव होंगे मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री:दो डिप्टी सीएम- जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला; नरेंद्र सिंह तोमर होंगे स्पीकर
Des 11, 2023
मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री मोहन यादव होंगे। मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं। भोपाल स्थित BJP के प्रदेश कार्यालय में पार्टी के विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी है। मोहन यादव ओबीसी वर्ग से आते हैं। शिवराज सिंह ने मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव रखा। जिसका सभी विधायकों ने समर्थन किया।
दो डिप्टी सीएम होंगे - जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला। जगदीश देवड़ा मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ से विधायक हैं। देवड़ा SC वर्ग से आते हैं। जबकि राजेन्द्र शुक्ला रीवा सीट से विधायक हैं। ब्राह्मण वर्ग से आते हैं।
नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा अध्यक्ष होंगे। तोमर मुरैना जिले की दिमनी सीट से विधायक हैं।
बैठक में पर्यवेक्षक मनोहर लाल खट्टर (CM हरियाणा), डॉ. के. लक्ष्मण (राष्ट्रीय अध्यक्ष, BJP OBC मोर्चा) और आशा लकड़ा (राष्ट्रीय सचिव भाजपा) मौजूद रहे।
मोहन यादव बोले- मैं पार्टी का छोटा सा कार्यकर्ता
मुख्यमंत्री के रूप में अपने नाम के ऐलान के बाद मोहन यादव ने कहा कि मैं पार्टी का एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं। प्यार और सहयोग के लिए पार्टी की स्टेट लीडरशिप और केंद्रीय लीडरशिप का बहुत बहुत धन्यवाद। मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाऊंगा।
मोहन यादव की पत्नी सीमा यादव ने कहा कि मेहनत का फल अच्छा होता है। खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। भगवान महाकाल ने मेहनत का फल दिया है।
5 दिसंबर, दोपहर 2 बजे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो बयान जारी किया। कहा- 'मुझे पार्टी ने जो भी काम दिया, मैंने पूरी निष्ठा और समर्पण से पूरा किया। मैं मुख्यमंत्री पद की रेस में न तो पहले था, न ही अब हूं।' शिवराज के इस बयान के बाद अब चर्चा इस बात की तेज हो गई है कि मध्यप्रदेश में शिवराज नहीं तो फिर कौन? उनके बयान के मायने इसलिए भी गहरे हैं, क्योंकि वे खुद कह चुके हैं कि राजनीति में हर बात के गहरे मायने होते हैं।
शिवराज के बाद दूसरा बड़ा ओबीसी चेहरा, संगठन में मजबूत पकड़
मध्यप्रदेश में शिवराज के बाद ओबीसी का दूसरा बड़ा चेहरा हैं। उसी लोधी समाज से आते हैं, जिस समाज से पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती हैं। प्रदेश में लोधी समुदाय की आबादी 12 फीसदी है। पटेल, सिवनी, बालाघाट और दमोह अलग-अलग सीट से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। कुशल संगठक माने जाते हैं। मोदी कैबिनेट में होने की वजह से मोदी के करीबी हैं। पार्टी ने केंद्र से जितने दिग्गज भेजे थे, उसमें पटेल ही ऐसे थे, जो अपने चुनाव के साथ-साथ दूसरे जिलों की सीटों पर भी लगातार प्रचार करते रहे।