मोहन मंत्रिमंडल का विस्तार

Jul 08, 2024

- रामनिवास रावत ने ली मंत्री पद की शपथ

भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 7 महीने के भीतर ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया है। आज सुबह राजभवन में रामनिवास रावत ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। राजभवन में आयोजित समारेाह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने रावत को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान मख्यमंत्री डॉ मोहन यादव समेत सरकार के अन्य मंत्री उपस्थित थे। रावत श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से छठवीं बार विधायक चुने गए हैं। वह प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे हैं। दिग्विजय सरकार में भी राज्यमंत्री रहे हैं।

हाल ही में लोकसभा चुनाव के दौरान वे कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद से ही उनको मोहन मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की अटकलें थीं। हालांकि उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है।

अब ऐसा है मोहन मंत्रिमंडल

मोहन मंत्रिमंडल में अब 31 मंत्री हो गए हैं। इनमें 18 कैबिनेट मंत्री, 6 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 4 राज्यमंत्री हैं। रावत को भी स्वतंत्री प्रभार दिया गया है। मंत्रिमंडल की अधिकतम सदस्य संख्या मुख्यमंत्री समेत 35 हो सकती है।

मोहन कैबिनेट में अब 11 राज्यमंत्री

3 दिसंबर 2023 को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। 8 दिन बाद 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद पर डॉ. मोहन यादव और दो उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, जगदीश देवड़ा का चयन किया गया। इसके 2 दिन बाद 13 दिसंबर को सीएम और दोनों डिप्टी सीएम ने शपथ ली थी। 12 दिन बाद 25 दिसंबर को पहला मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी। 18 विधायकों को कैबिनेट और 10 विधायकों को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी। मंत्रिमंडल विस्तार के 5 दिन बाद 30 दिसंबर को मंत्रियों को विभागों का बंटवारा किया गया था। अब रामनिवास रावत को मिलाकर मंत्रिमंडल में राज्यमंत्रियों की संख्या 11 हो गई है।

विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र

मंत्री पद की शपथ लेने के पहले राम निवास रावत ने विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र दिया। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने दो दिन पहले उनकी और निर्मंला सप्रे की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका प्रस्तुत की थी। कांग्रेस से भाजपा में गए तीन विधायकों में कमलेश शाह के बाद सदन की सदस्यता से त्याग पत्र देने वाले वह दूसरे नेता हैं। रावत और सप्रे यह तर्क देते रहे हैं कि उन्होंने भाजपा की सदस्यता ही नहीं ली है, इसलिए इस्तीफा नहीं देंगे। रावत के त्याग पत्र देने से विजयपुर विधानसभा में उप चुनाव होगा।


Subscribe to our Newsletter