पानी में बह गये लोकपथ के निर्देश, नहीं हुई सड़कों की मरम्मत

Ags 17, 2024

-  गड्ढों वाली सड़कों  की निगरानी के लिये बने लोकपथ एप में शिकातों की भरमार, नहीं शुरू हुई कार्यवाही

भोपाल। राजधानी में इस बार की बारिश ने जिस तरह से सड़कों की गुणवत्ता की पोल खोली है उससे पीडब्ल्यूडी से लेकर नगर निगम तक परेशान हैं। शहर के बनी सड़कों की निगरानी के लिये बने लोकपथ एप में सैकड़ों शिकायतें फोटो के साथ पहुंच गयी हैं। अब अधिकारी परेशानहैं कि वह इनकी मरम्मत कैसे कराये क्योंकि बारिश में इनकी मरम्मत कराना घाटे का सौदा है।

  नहीं चलेगा बहाना

 सड़कों के घटिया निर्माण के लिये बदनाम लोक निर्माण विंभाग में अब प्रदेश में 40 हजार किमी लंबी सड़कों में कहीं भी गड्ढा होने परउसको सात दिन में भरना होगा।  इसके लिये लोगों को गड्ढे की फोटो लोक निर्माण विभाग के लोकपथ पर लोकेशनके साथ अपलोड   करना था।  लेकिन ऐसा  नहंी हुआ7 इसके  बादअगर सात दिन के अंदर वह नही भरा जाता है तो उस के ठेकेदार और संबंधित इंजीनियर के खिलाफ कार्यवाही होनी थी लेकिन किसी भी इंजीनियर या ठेकदार पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।

 भोपाल में ही पीडब्ल्यूडी की 60 सड़कें है जिनकी लंबाई 650 किमी के आसपास है। इनमे ंस े150 तो बुरी तरह से खराब है।

  चार महीने में ही उखड़ा डामर

गणेश मंदिर छोला नाका जेपी नगर से डीआइजी बंगला तक की सड़क को बाइक सवार बृजेश साहू की मौत के बाद पीडब्ल्यूडी द्वारा बनवाया गया था। निर्माण के दो महीने तक तो सड़क सही रही, लेकिन चार महीने बाद फिर से डामर उखड़ने लगा था। अब वर्षा के दौरान हालत यह हैं कि पूरी सड़क पर जगह - जगह गड्ढे हो गए हैं।

 अल्पना तिराहा पर फिर वहीं हालात

   वर्षा के मौसम में हर साल अल्पना तिराहा मार्ग पर जलभराव होने से लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर निकलना पड़ता है। पिछले साल वर्षा के बाद सड़क का निर्माण तो कराया, लेकिन वर्षा शुरू होते ही फिर से यहां जलभराव हुआ और सड़क पूरी तरह से उखड़ गई है। बल्कि बीच सड़क पर ही चेंबर खुले हैं जिनको बेरिकेट लगाकर रोका गया है, लोगों को निकलने के लिए काफी मशक्त करनी पड़ती है।

   करोंद चौराहे पर चारों तरफ गड्ढें

  बैरिसया, भानपुर, गांधीनगर मुख्यमार्गों को जोड़ने वाले करोंद चौराहा के चारों तरफ गर्मी में ही सड़क निर्माण कराया गया था। अब हाल यह है कि चौराहे के चारों तरफ गड्ढे ही गड्ढे हो गए हैं और सड़कों का हाल भी बेकार हो गया है। इस वजह से अक्सर यहां जाम लग जाता है। इन हालातों ने पीडब्लयूडी और निगम द्वारा कराए जाने वाले निर्माण कार्य की पोल खोलकर रख दी है।

  करोंद गल्ला मंडी रोड फिर से उखड़ी

   पिछले साल पीडब्ल्यूडी की प्रमुख सड़क करोंद 80 फिट का हाल काफी खराब था। इस मार्ग पर गड्ढे ही गड्ढे थे, निगम चुनाव होते ही इस मार्ग का निर्माण पीडब्ल्यूडी द्वारा कराया गया था। इस निर्माण की पोल वर्षा के दौरान खुलने लगी है, यहां बने शिवमंदिर के पास ही एक बार फिर से बड़ा गड्ढा हो गया है और सड़क उखड़ गई है।

 क्यों नहीं बना ठेकेदारों पर प्रैशर

 इस बार सड़कों की मरम्मत कराने के लिये ठेकेदारों पर लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इसलिये प्रैशर नहीं बना पाये क्योंकि वह अपने  वहले के बिलों को करवाने की मांग को लेकर आवाज उठाते रहे। उनको लग रहा था कि जब पहले का बिल ही नहीं हुआ तो फिर  इस बार का बिल क्या होगा।


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