जीवनशैली से जुडी गलत आदतों से लीवर को होता है नुकसान

लिवर शरीर को वो हिस्सा है जो टॉक्सिन (विषाक्त) पदार्थों को अलग करता है। हमारे शरीर में प्रवेश करने वाले विषाक्त पदार्थों को पहले ही लिवर रोककर बाहर कर देता है। ऐसे में लिवर एक प्रकार से फिल्टर का काम कर देता है। अगर कभी लिवर में समस्या होती है तो यह शरीर के लिए जानलेवा हो सकता है। इसलिए लीवर के लिए नुकसानदायक आदतों को छोडें और इसे ठीक रखने पर ज्यादा ध्यान दें।  लीवर टॉक्सिन्स को फिल्टर करने से लेकर पित्त बनाने और शरीर के लिए जरूरी कार्बोहाइड्रेटस, प्रोटीन, मिनरल्स तथा विटामिन्स तैयार करने से सम्बन्धित हमारे शरीर के सभी महत्वपूर्ण काम करता है। यही कारण है हमारी जीवनशैली से जुडी गलत आदतें हमारे लीवर को नुकसान पहुंचा सकती है।  इसलिए लीवर का भी ख्याल रखें। 

हमारे लीवर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त रखने के लिए हमें वसामुक्त या बिना चिकनाई वाला भोजन करना चाहिए। कॉलेस्ट्रोल एक ऐसा वसा है, जिसे हमारा लीवर संश्लेशित करता है और इसके बाद हमारा शरीर इसे ऊर्जा के स्रोत के रूप में लेता है। ऐसे में यह हमारे भोजन का अहम हिस्सा तो है, लेकिन हमें अधिक कॉलेस्ट्रोल वाला भोजन करने से बचना चाहिए। अधिक कॉलेस्ट्रोल वाले भोजन में हम लाल मांस, अधिक चिकनाई वाला भोजन, शक्कर, नमक आदि शामिल करते है। अधिक कॉलेस्ट्रॉल वाला भोजन करने से लीवर के कई तरह के रोग हो सकते हैं, जैसे लीवर का मोटापन जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा पाई जाने वाली बीमारियों में से एक है। हमें अधिक कॉलेस्ट्रॉल वाले भोजन के बजाए रेशेदार सब्जियां और अनाज का उपयोग करना चाहिए। नाश्ता जरूर करें, नाश्ता जरूर करें. देर से सोना और देर से उठना बंद करें। 

भोजन की गलत आदतों का प्रतिकूल प्रभाव हमारे जीवन में दीर्घावधि में नजर आता है. जबकि संतुलित भोजन किया जाए तो यह हमारे लीवर के लिए बहुत लाभदायक रहता है। जो लोग लीवर सिरोसिस की बीमारी से पीडित रहे है, उन्हें अधिक प्रोटीन वाला भोजन करना चाहिए ताकि लीवर खुद ही स्वयं की मरम्मत कर ले और भविष्य में कोई नुकसान न हो। यह ध्यान रखिए कि लीवर तभी खराब होता है जब हम ऐसा भोजन करते हैं जिसमें पोषक तत्व कम होते हैं और चिकनाई ज्यादा होती है। यह एक सामान्य तथ्य है कि शराब का अत्यधिक सेवन लीवर को नुकसान पहुंचाता है। शराब और अल्कोहल की अधिकता वाले पेय पदार्थों के अधिक सेवन से अल्कोहोलिक हेपेटाइटिस और अल्कोहोलिक सिरोसिस (ऐसी स्थिति जिसमें लीवर बहुत ज्यादा क्षतिग्रस्त हो जाता है और इसका आकार बिगड़ जाता है।

हमारा लीवर खराब भोजन के प्रति बहुत संवेदनशील होता है। शक्किर की अधिकता के कारण लीवर में यदि वसा बहुत ज्यादा जमा हो गया है तो यह लीवर के टिश्यूज को क्षतिग्रस्त कर सकता है। यह लीवर सिरोसिस का सबसे बडा कारण है। आजकल के प्रोसेस्ड और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों में शक्कर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और फाइबर नहीं के बराबर होता है। यह हमारे लीवर के लिए नुकसानदायक है और इससे जहां तक हो सके बचना चाहिए। यही नहीं जो भी अतिरिक्त वसा हमारे शरीर में पहुंचता है वह पेट में जमा होता रहता है और लीवर तक पहुंच जाता है। यही कारण है कि मोटापा और लीवर के मोटेपन की बीमारी आपस में जुडी हुई है। कुछ लोग सुबह जल्दबाजी में उठते हैं और उठते ही अपने काम पर चले जाते है। इसके चलते न वे दैनिक नित्यकर्म करते हैं और न ही नाश्ता करते है। यह बहुत ही गलत आदत है. मूत्र को रोकना न सिर्फ  लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि किडनी को भी क्षतिग्रस्त कर सकता है।


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