
पत्रकार ने सुनवाई आपबीती, कनाडा को बर्बाद कर देंगे खालिस्तानी
Jun 09, 2025
नई दिल्ली। कनाडा के मीडिया और संस्थानों में इस गंभीर विषय पर चुप्पी चिंताजनक है। राजनीति में ऐसे तत्वों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए, जो हिंसा को बढ़ावा देते हैं और अपने विचार दूसरों पर थोपते हैं। जी-7 शिखर सम्मेलन 17 जून को अल्बर्टा में होने वाला है। जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आउटरीच सत्र में भाग लेने का निमंत्रण मिला है। हालांकि उनकी यात्रा की अभी पुष्टि नहीं हुई है। वहीं, कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर भारत की चिंता लगातार बनी हुई है।
पत्रकार ने बताया कि यह पहली बार नहीं है। उन्होंने मार्च 2024 में भी ऐसी ही एक घटना रिपोर्ट की थी जब एडमंटन में भारत के उच्चायुक्त के विरोध में खालिस्तान समर्थक तलवार, खंजर और भाले लेकर इकट्ठा हुए थे। बेजिरगन ने कहा कि खालिस्तान आंदोलन मुख्य रूप से सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) नामक समूह द्वारा संचालित है जिसे “विश्व सिख संगठन” (डब्ल्यूएसओ) जैसे राजनीतिक संगठनों से समर्थन मिलता है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये संगठन कनाडा की राजनीति में गहरी पैठ बना चुके हैं, जिनके साथ पूर्व और मौजूदा सांसदों तक के संबंध हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कनाडा के नेता ऐसे तत्वों को न सिर्फ पहचानते हैं, बल्कि मंच साझा करते हैं। उदाहरणस्वरूप, उन्होंने बताया कि हाल ही में सरे नगर कीर्तन के दौरान कुछ कनाडाई सांसदों ने संतोख सिंह केल्हा के साथ मंच साझा किया, जिन पर हवाई बम विस्फोट की साजिश का दोष है। बेजिरगन ने कहा कि वे इंदिरा गांधी के हत्यारों की प्रशंसा कर रहे हैं। यह बेहद खतरनाक और लोकतंत्र विरोधी है।जी-7 सम्मेलन से पहले कनाडा से एक चौंकाने वाला बयान सामने आया है।
खोजी पत्रकार मोचा बेजिरगन ने खुलासा किया है कि कनाडा की धरती से चल रहे खालिस्तानी उग्रवादी गतिविधियों से भारत के नेताओं को सीधा खतरा है। रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि वैंकूवर में एक खालिस्तान समर्थक रैली को कवर करते वक्त उन पर हमला हुआ। इस दौरान उनसे उनका फोन छीन लिया गया और रिकॉर्डिंग से रोकने की कोशिश की गई। बेजिरगन ने कहा कि ‘मैं अभी भी कांप रहा हूं। दो घंटे पहले मुझ पर हमला हुआ। वे गुंडों की तरह व्यवहार कर रहे थे। मेरा फोन छीन लिया और मुझे धमकाया गया।’ उन्होंने इस हमले को अपनी निष्पक्ष रिपोर्टिंग का नतीजा बताया और इसे कनाडा में खालिस्तानी ताकतों की बढ़ती धमक का प्रमाण कहा।