जियो ने बिना नीलामी सैटेलाइट संचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटन का विरोध किया
Nov 16, 2024
- बिना नीलामी के स्पेक्ट्रम आवंटन से स्थानीय संस्थाएं विदेशी सैटेलाइट कंपनियों से प्रतिस्पर्धा कर सकेंगी
नई दिल्ली । रिलायंस जियो ने बिना नीलामी के सैटेलाइट संचार (सैटकॉम) कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित करने के प्रस्ताव का विरोध किया है। कंपनी ने कहा कि बिना नीलामी के स्पेक्ट्रम आवंटन से स्थानीय संस्थाएं सीधे विदेशी सैटेलाइट कंपनियों से प्रतिस्पर्धा कर सकेंगी। दूरसंचार नियामक ट्राई को लिखे पत्र में कंपनी ने बताया कि एलन मस्क की स्टारलिंक और अमेजन की कुइपर के संयुक्त उद्यम ने पिछले कुछ वर्षों में तीनों प्रमुख भारतीय दूरसंचार कंपनियों की तुलना में अधिक क्षमता सृजित की है। जियो ने कहा, नीलामी के माध्यम से स्पेक्ट्रम आवंटन भारतीय संस्थाओं को सीधे विदेशी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करने का अवसर प्रदान करेगा। विदेशी कंपनियों ने आईटीयू (अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ) के पहले आओ, पहले पाओ मानदंड के आधार पर प्राथमिकता सूची को अवरुद्ध कर दिया है और अपनी खुद की समूह योजना बनाई है। कंपनी ने उल्लेख किया कि स्पेक्ट्रम आवंटन/प्राथमिकता में पारदर्शिता और निश्चितता के बिना, कोई भी भारतीय संस्था कभी भी अपना स्वयं का एनजीएसओ (गैर-भूस्थिर उपग्रह कक्षा) समूह शुरू नहीं कर पाएगी। उल्लेखनीय है कि 2023 के दूरसंचार अधिनियम में सैटकॉम कंपनियों को बिना नीलामी के प्रशासनिक रूप से स्पेक्ट्रम आवंटित करने का उल्लेख किया गया है। इसका कारण यह है कि सैटेलाइट कंपनियां आवंटित रेडियो फ्रीक्वेंसी को साझा स्पेक्ट्रम मानती हैं और उनका मानना है कि सैटकॉम इकाइयों को अलग-अलग फ्रीक्वेंसी आवंटित करना तकनीकी रूप से संभव नहीं है। जियो ने भी इस तर्क को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि सैटकॉम सेवाएं उन दूरसंचार सेवाओं की पूरक होंगी जहां कोई नेटवर्क कवरेज मौजूद नहीं है।