डायबिटीज, अल्सर,थायराइड सहित है कई बिमारियों में फायदेमंद है कटहल

कटहल को सब्जी, कोफ्ता, कबाब, अचार के साथ ही पके होने पर फल की तरह भी खाया जाता है। कटहल का वानस्पतिक नाम आर्टोकार्पस हेटेरोफिल्लस है। इसमें कई महत्वपूर्ण कार्बोहाइड्रेट के अलावा कई विटामिन भी पाए जाते हैं। कटहल का इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है। इसके फायदे जानने के बाद आप भी इसे खाना शुरु कर देंगे। 

कटहल की पत्तियों की राख अल्सर के इलाज के लिए बहुत उपयोगी होती है। इसकी ताजा हरी पत्तियों को साफ धोकर सुखा लें और पीसकर उसका पाउडर तैयार कर लें। पेट के अल्सर में इसे खाने से काफी आराम मिलता है।

मुंह में छाले होने पर कटहल की कच्ची पत्तियों को चबाने से आराम मिलता है।

पके हुए कटहल के गूदे को अच्छी तरह से मैश करके पानी में उबाल लें। इस मिश्रण को ठंडा कर एक गिलास पीने से जबरदस्त स्फूर्ति आती है। यही मिश्रण यदि अपच के शिकार रोगी को दिया जाए तो उसे फायदा मिलता है।

डायबिटीज में कटहल की पत्तियों के रस का सेवन काफी फायदेमंद रहता है। यह रस हाई ब्लडप्रेशर के रोगियों के लिए भी उत्तम है। 

इसके छिलकों से निकलने वाला दूध सूजन, घाव और कटे-फटे अंगों पर लगाया जाए तो आराम मिलता है। इसके दूध से जोड़ों पर मालिश करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।

कटहल के पे़ड की ताजी कोमल पत्तियों को कूट कर छोटी-छोटी गोली बना लें। इससे गले के रोगों में फायदा होता है। 

पके कटहल का सेवन करने से पेट साफ होता है। साथ ही, अपच की समस्या का निवारण हो जाता है।

कटहल की जड़ अस्थमा के रोगियों के लिए लाभदायक मानी जाती है। इसे पानी के साथ उबाल कर बचा हुआ पानी छान कर पीने से अस्थमा पर नियंत्रण किया जा सकता है। 

थायराइड के लिए भी कटहल उत्तम है। इसमें मौजूद सूक्ष्म खनिज और कॉपर थायराइड चयापचय के लिए प्रभावशाली होता है। यहां तक कि यह बैक्टेरियल और वाइरल संक्रमण से भी बचाता है।

कटहल में मौजूद मैग्नीशियम हड्डी में मजबूती लाता है और ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से बचाता है। 

पके हुए कटहल के पल्प को अच्छी तरह से मैश करके पानी में उबालकर पीने से ताजगी आती है। कटहल में विटामिन ए पाया जाता है जिससे आंखों की रोशनी बढ़ती है और त्वचा निखरती है।

कटहल में अच्छी मात्रा में पोटैशियम होता है, जो हमारे दिल की सेहत दुरुस्त रखने में अहम रोल अदा करता है। दरअसल पोटैशियम मांसपेशियों के कामकाज में सामंजस्य बनाने और उन्हें बरकरार रखने में मदद करता है। इसके साथ ही यह हमारे शरीर में सोडियम के स्तर को भी नियंत्रित करता है, जो हमारी धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है। 

इसमें विटामिन सी, ए और एंटीऑक्सिडेंट भी काफी मात्रा में पाए जाते हैं। यही वजह है कि शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। रोग प्रतिरोधी शक्ति बीमारियों के साथ ही संक्रमण को भी शरीर से दूर रखने में अहम भूमिका निभाती है।

यह उन लोगों के अच्छा विकल्प हो सकता है, जो अपना वजन घटाना चाहते हैं। इसमें फैट नहीं होता और कैलोरी भी काफी कम होती है। इसके साथ ही इसमें काफी मात्रा में पौष्टिक तत्व भी होते हैं। कटहल में प्रोटीन भी अच्छी मात्रा में होता है, जिससे पेट काफी देर तक भरा-भरा महसूस होता है।

कटहल के बीज का चूरन बना कर उसमें थोड़ा शहद मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे मिट जाते हैं। जिन लोगों की चेहरा रुखा और बेजान होता है उन लोगों को कटहल का रस अपने चेहरे पर लगाना चाहिए। इसकी मसाज तब तक करे जब तक यह सूख न जाए फिर थोड़ी देर के बाद अपना चेहरा पानी के साथ धो लें। झुर्रियों से निजात पाने के लिए कटहल का पेस्ट बना कर और उसमें एक चम्मच दूध मिलाकर धीरे-धीरे चेहरे पर लगाना चाहिए। फिर गुलाब जल या ठंडे पानी से चेहरा साफ कर लें। नियमित रूप से ऐसा करने से चेहरे की झूर्रियों से छुटकारा मिल जाता है।



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