ईरान ने इजरायल पर बरसाए प्रतिबंधित क्‍लस्‍टर बम,मानवता के लिए बेहद घातक

तेलअवीव । बीते रोज ईरान ने इजरायल पर जमकर बम बरसाए। हालांकि इससे कोई बहुत बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। इसके बाद जो खबरें आ रहीं हैं वो चौकाने वाली हैं। बताया जा रहा है कि ईरान ने प्रतिबंधित क्‍लस्‍टर बमों से हमला किया है। वर्तमान में, 100 से अधिक देशों ने इन बमों के उत्पादन और उपयोग के खिलाफ संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, अभी भी 34 देशों के पास लगभग 200 विभिन्न प्रकार के क्‍लस्‍टर बम मौजूद हैं। हाल ही में, जब अमेरिका ने यूक्रेन को क्‍लस्‍टर बम सप्लाई करने की योजना का ऐलान किया, तो रूस ने इसकी कड़ी निंदा की थी। अमेरिका के इस कदम से रूस की स्थिति में कमजोरी आई है, क्‍योंकि क्‍लस्‍टर बमों की घातकता और मानवीय संकट को देखते हुए उन्‍हें अत्यंत संवेदनशील हथियार माना जाता है। इस प्रकार, क्‍लस्‍टर बमों के उपयोग से उत्पन्न चुनौतियाँ और खतरे वैश्विक स्तर पर गंभीर चिंताओं का विषय बने हुए हैं।

क्‍लस्‍टर बम एक प्रकार का हथियार होता है, जिसमें कई छोटे बमों को एक साथ पैक किया जाता है। ये छोटे बम, जिन्‍हें सबम्यूनिशन या बॉम्बलेट्स कहा जाता है, आमतौर पर एक बड़े बम के अंदर रखे जाते हैं। जब ये बम जमीन पर गिरते हैं, तो बड़े बम का विस्फोट होते ही कई छोटे बम एक साथ फटते हैं। इस प्रक्रिया में, इन छोटे बमों को नियंत्रित करना बेहद मुश्किल होता है। क्‍लस्‍टर बमों को फाइटर जेट, बमवर्षक विमानों और मिसाइलों से छोड़ा जा सकता है।क्‍लस्‍टर बमों की मारक क्षमता अत्यधिक होती है। ये बम एक बड़े क्षेत्र में फैलाव करते हैं और आस-पास के लक्ष्यों को नष्ट कर सकते हैं। इनमें से कई छोटे बम जमीन पर गिरने के बाद भी नहीं फटते हैं, जिससे वे ‘सड़क पर बम’ का रूप ले लेते हैं। ये बाद में जब भी कोई इंसान या वाहन इनके संपर्क में आता है, तो धमाके का कारण बन सकते हैं। इससे आम नागरिकों के लिए खतरा बढ़ जाता है।


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