ट्रंप की हत्या के लिए ईरान ने दी खतरनाक किलर को सुपारी

मैनहटन । ईरान की पैरामिलिट्री रिवॉल्यूशनरी गार्ड के एक अनाम अधिकारी ने फरहाद शकीरी नाम के शख्स को ट्रंप की निगरानी और हत्या की जिम्मेदारी दी थी। ईरान ने यह योजना सितंबर में ही बनाई थी और एक हफ्ते में अंजाम तक पहुंचाने का इरादा भी किया था। ट्रंप की हत्या की साजिश में न्यूयॉर्क के दो लोग भी शामिल थे। फरहाद से यह भी कहा गया था कि अगर वह सितंबर में ऐसा करने में नाकाम रहा तो फिर उसे अमेरिकी चुनाव खत्म होने तक इंतजार करना होगा। ईरान को ऐसा लग रहा था कि ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव हार जाएंगे। ऐसे में ट्रंप के पास सुरक्षा का बहुत ताम-झाम नहीं रहेगा और उन्हें मारना आसान होगा। मैनहटन की संघीय अदालत में दाखिल एक आपराधिक शिकायत में यह बात कही गई है। 

शिकायत के अनुसार शकीरी ने एफबीआई को बताया कि ईरानी अधिकारी ने उसे सात दिन के भीतर हत्या की योजना बनाने का निर्देश दिया था। हालांकि उसने तब योजना बनाई नहीं थी। ट्रंप की हत्या की साजिश का खुलासा उनकी जीत के कुछ ही दिनों के बाद हुआ है। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावी अभियान के दौरान डोनाल्ड ट्रंप पर दो बार जानलेवा हमला हुआ है। इन हमलों के दौरान ट्रंप बाल-बाल बच गए थे। बता दें कि ईरान डोनाल्ड ट्रंप को मारकर ईरानी मेजर जनरल और कुद्स फोर्स के कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेना चाहता है। सत्ता में आने के बाद भी ट्रंप ने ईरान को लेकर अपने खतरनाक इरादे जाहिर कर दिए हैं। ऐसे में ईरान ट्रंप को खत्म कर देना चाहता है।

फरहाद के साथ इस साजिश में न्यूयॉर्क के रहने वाले दो लोग, 36 साल का जोनाथन लोधोल्ट और 49 साल का कार्लिस्ली रिवेरा भी शामिल थे। इन सभी के अलावा अमेरिका में रहने वाले दो यहूदी बिजनेसमैन और एक ईरानी-अमेरिकी ऐक्टिविस्ट भी साजिश में शामिल बताया गया है। 51 वर्षीय फरहाद शकीरी मूल रूप से अफगानी है। लूट के मामले में अमेरिकी जेल में 14 साल बिताने के बाद उसे 2008 में वहां से डिपोर्ट कर दिया गया था। इसके बाद वह ईरान की सेना में भर्ती हो गया था। अमेरिकी न्याय विभाग ने बताया है कि रिवेरा और जोनाथन को कस्टडी में ले लिया गया है। वहीं, शकीरी अभी भी ईरान में आजाद है।


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